देघाट 16 अक्टूबर। विगत माह की 5 तारीख को देघाट क्षेत्र निवासी गोपाल दत्त ने देघाट थाने में तहरीर दी थी कि उनके साथ एक अज्ञात व्यक्ति ने बैक धोखाधड़ी में शामिल होने का डर दिखाकर उन्हें 10 दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा और उनसे 18 लाख 30 हजार रुपये की धोखाधड़ी कर दी। शिकायत के बाद थाना देघाट में एफआईआर 18/2025 धारा 61(2)/308(5)/318(4) BNS पंजीकृत की गई।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देवेन्द्र पींचा ने इस मामले में पुलिस टीम का गठन किया व साइबर ठगी के गिरोह को दबोचने के लिये आवश्यक कार्यवाही शुरु की गई। थानाध्यक्ष देघाट अजेन्द्र प्रसाद के नेतृत्व में गठित थाना देघाट व एसओजी की संयुक्त टीम द्वारा आवश्यक सुरागरसी-पतारसी की गई तथा साईबर सेल प्रभारी राहुल राठी के नेतृत्व में साइबर टीम द्वारा गिरोह के बारे में आवश्यक जानकारी जुटाई।
दोनों टीमों के सयुक्त प्रयास से 14 अक्टूबर को बुजुर्ग को डिजिटल अरेस्ट करने वाले 01अभियुक्त को राजस्थान के सूरतगढ़ से गिरफ्तार करने में सफलता मिली। इस गिरोह के अन्य संलिप्तों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है,साइबर ठगी गिरोह की चेन का पता लगाकर गिरफ्तार करने के प्रयास जारी है।
साइबर ठगों ने ऐसे किया था डिजिटल अरेस्ट-
हैलो मैं क्राइम ब्रांच ऑफिसर बोल रहा हूँ……
25 अगस्त को गोपाल दत्त के पास एक अज्ञात व्यक्ति का व्हाट्सप वीडियो काल व व्हाट्सप वाइस काल आता है , उन्हें बताया जाता है कि आपका फोन नम्बर गलत काम में प्रयोग किया जा रहा हैं। इसको क्लियरेशन करने के लिये मैं आपके नंबर को क्राइम ब्रांच को दे रहा हूं।
तभी तुरंत ही एक और वीडियो काल आती है और उसके द्वारा बताया जाता है कि क्राइम ब्रांच पुलिस स्टेशन दिल्ली बोल रहे है और कहने लगे कि आप नरेश अग्रवाल नाम के व्यक्ति से धोखाधड़ी के मामले में मिले हुए हैं। जिसने बैंक के मामले में बहुत बड़ी धोखाधड़ी कर रखी हैं। उसके साथ आप भी मिले हुए हो। जिस कारण आपके ऊपर मनी लांड्रिग का केस बनता हैं।
आपको इसी समय डिजिटल एरेस्ट किया जा रहा है,आपको किसी से कोई बात नही करनी और जेल डालने की धमकी देने लगे फिर घऱ में सामान जेवर, बैंक में कैश के बारे में पूछताछ करने लगे। वादी की FD भी तुड़वा दी और कहा कि बैंक जाते समय किसी को कुछ मत बताना हमने सादी वर्दी में बैंक के बाहर अपनी पुलिस लगा रखी हैं। किसी को स्याल्दे में कुछ भी नहीं बताना हैं। वादी ने घबराकर 27 और 29 अगस्त 2025 को 18 लाख 80 हजार रुपये साइबर ठगों के खाते में ट्रांसफर कर दिये, फिर साइबर ठगों ने कहा कि आपके मामले की जांच चल रही हैं।जांच के बाद आपका पूरा पैसा जल्द से जल्द आपके खाते मे वापस आ जायेगा। जब वादी के खाते में कई दिनों तक पैसा वापस नही आया। तब उनको साइबर धोखाधड़ी के बारे में पता चला।
गिरफ्तार अभियुक्त साहिल कुमार (24 ) पुत्र कृष्ण कुमार निवासी वार्ड नं0-14 शिवबाड़ी रोड सूरतगढ़ जिला श्रीगंगानगर राजस्थान का रहने वाला है। पुलिस की गिरफ़्तारी टीम में उपनिरीक्षक गंगा राम गोला.थाना देघाट,2. हेड कांस्टेबल अवधेश कुमार,एसओजी अल्मोड़ा, कांस्टेबल
सुरेन्द्र सिंह,थाना देघाट व सर्विलांस टीम शामिल थी।
एसएसपी अल्मोड़ा की जनमानस से अपील-
पुलिस या किसी भी अन्य विभाग में डिजिटल अरेस्ट की कोई कानूनी प्रक्रिया नही है।सभी से अनुरोध है कि साइबर ठगों के झांसे में न आये। यदि कभी भी किसी के साथ साइबर ठगी हो जाती है तो तत्काल उसकी शिकायत हेल्प लाईन नंबर 1930 में करें। जिससे हमारी साइबर टीम आपकी धनराशि को बचाने की आवश्यक कार्यवाही जल्द कर सके।