हरियाणा के निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान, रणधीर गोलन और धर्मपाल गोंधर ने कांग्रेस को समर्थन करने का किया वादा
रोहतक 07 मई। लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में हरियाणा बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। मंगलवार को तीन निर्दलीय विधायकों ने हरियाणा की भाजपा सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। इसके साथ ही बीजेपी की नायब सिंह सैनी सरकार अल्पमत में आ गई है।
विधायकों ने हरियाणा में कांग्रेस में को बाहर से समर्थन देने का एलान कर दिया है। तीनों विधायकों ने यह भी कहा है की आने वाले विधानसभा चुनाव में भी वे तीनों कांग्रेस के साथ रहेंगे । मंगलवार को तीनों विधायकों ने नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की। वहीं एक और निर्दलीय विधायक के बारे में समर्थन वापस लेने की चर्चा है। उनका अभी इंतजार है।
90 सदस्यों वाीली हरियाणा विधानसभा की स्थिति कुछ इस प्रकार से है, कुल विधायक 88 । पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर विधानसभा से इस्तीफा दे चुके हैं। उनके अलावा हिसार से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे रणजीत चौटाला भी विधायक पद से इस्तीफा दे चुके हैं। राज्य में बीजेपी के मौजूदा विधायकों की संख्या चालीस है। बीजेपी के पास हरियाणा में फिलहाल दो निर्दलीयों और एक हलोपा विधायक गोपाल कांडा का समर्थन है। विपक्ष के पास कांग्रेस के तीस, जजपा के दस विधायकों सहित विपक्ष के कुल विधायकों की संख्या 45 है।
नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान भी प्रेस वार्ता में मौजूद हैं। विधायकों ने नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में चल रही हरियाणा सरकार से अपना समर्थन वापस लेते हुए महंगाई बढ़ने और बेरोजगारी का मुद्दा उठाया है। विधायकों ने समर्थन वापस लेकर नायब सिंह सैनी सरकार को संकट में डाल दिया है। कुछ दिन पहले ही भाजपा सरकार ने बहुतम साबित किया था।
नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने तीनों विधायकों का स्वागत किया और कहा कि इससे स्पष्ट होता है कि मौजूदा सरकार से लोगों का मोह भंग हो गया है और जनभावना को देखते हुए ही इन्होंने फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि यह ठीक समय पर ठीक फैसला लिया गया है। कांग्रेस के पक्ष में लहर चल रही है, इसमें इनका भी योगदान होगा कि ये बाहर से कांग्रेस का समर्थन करेंगे। इन्होंने जनभावनाओं की कदर करते हुए ये फैसला लिया है।