उत्तरकाशी: उत्तरकाशी की सिल्क्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए शुक्रवार से बंद पड़ा रेस्क्यू वर्क आज फिर शुरू होगा। सुरंग में मैनुअल ड्रिलिंग के लिए सेना को बुलाया गया है। दूसरी तरफ मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों तक बारिश और बर्फबारी का येलो अलर्ट जारी किया है। आईएमडी के मुताबिक, राज्य में आज से पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा। इसके चलते उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग व पिथौरागढ़ समेत कई ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बारिश-बर्फबारी के आसार हैं। ऐसे में सिलक्यारा टनल में चल रहे राहत कार्यों पर भी इसका प्रभाव पड़ सकता है।
क्या है टनल के अंदर की स्थिति
दरअसल ड्रिल करने वाली अमेरिकन ऑगर मशीन अवरोध की जद में आने से टूट गई थी , जो कि मजदूरों की लोकेशन से महज 10 मीटर है। उसका 45 मीटर हिस्सा 800 मिमी पाइप के भीतर फंस गया। बचाव दलों ने 20 मीटर हिस्सा तो गैस कटर से काटकर बाहर निकाल लिया, लेकिन 25 मीटर का हिस्सा अभी अंदर ही फंसा है उसे काटने के लिए अब हैदराबाद से प्लाज्मा कटर मंगाया गया है। इस वजह से रेस्क्यू का काम रोकना पड़ा था। अब मशीन के बजाय मैनुअल ड्रिलिंग कराने का फैसला लिया गया है जिसमे 3 से चार दिन लग सकते हैं ।
मैनुअल ड्रिलिंग से पहले ऑगर मशीन के फंसे हुए शाफ्ट और ब्लेड्स को निकालना होगा। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर मशीन के टुकड़े सावधानी से नहीं निकाले गए तो इससे सुरंग में बिछाई गई पाइपलाइन टूट सकती है। इसके हैदराबाद से प्लाज्मा कटर मंगाया गया है। साथ ही टनल में फोन की लैंडलाइन भी डाली जाएगी। इससे मजदूर अपने परिवार से बात कर सकेंगे।
अब जानिए हॉरिजॉन्टल ड्रिलिंग क्यों रुकी
दरअसल, 21 नवंबर से सिलक्यारा की तरफ से टनल में हॉरिजॉन्टल ड्रिलिंग की जा रही थी। इसमें काफी हद कामयाबी मिली। 60 मीटर के हिस्से में से 47 मीटर तक ड्रिलिंग के जरिए पाइप डाला जा चुका है। मजदूरों तक करीब 10-12 मीटर की दूरी रह गई थी, लेकिन शुक्रवार शाम को ड्रिलिंग मशीन के सामने सरिए आ जाने से ड्रिलिंग मशीन की शाफ्ट उसमें फंस गई।
जब मशीन से और प्रेशर डाला गया तो शाफ्ट टूट गई। इसका कुछ हिस्सा तोड़कर निकाला गया, लेकिन बड़ा हिस्सा अभी भी वहां अटका हुआ है। इसे मैनुअल ड्रिलिंग कर निकाला जाएगा, फिर आगे खुदाई की जाएगी। दरअसल, पाइप में एक ही व्यक्ति जा सकता है और खुदाई कर सकता है। इसलिए, ऐसा करने में काफी वक्त लग सकता है।