देहरादून 22 मार्च। उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने जानकारी देते हुए बताया कि शुक्रवार को उत्तराखंड कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी पुरुषोत्तम से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन दिया। दसौनी ने बताया कि स्व० सरवत करीम अंसारी जो की 33-मंगलौर विधानसभा क्षेत्र से 5वीं उत्तराखंड विधान सभा के लिए विधायक चुने गए थे उनके चुनाव को क़ाज़ी निजामुद्दीन द्वारा उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी, जिसे शरबत करीम अंसारी के इंतकाल के बाद वापस लेने की एप्लीकेशन नवंबर महीने में ही डाल दी गई थी।
दसौनी ने बताया कि उस पर उच्च न्यायालय ने गुरुवार को आदेश भी जारी कर दिया, जिसमे याचिका वापस लेने की बात स्वीकार कर ली गई है। उन्होंने बताया कि सरवत करीम अंसारी का निधन 30.10.2023 को हो चुका है, उनके निधन के परिणामस्वरूप, आर.पी. अधिनियम, 1951 की धारा 150 के अनुसार एक आकस्मिक रिक्ति उत्पन्न हुई, जिसे धारा 151-ए के अनुसार 6 महीने के भीतर यानी 30 अप्रैल, 2024 के भीतर भरा जाना आवश्यक है। प्रतिनिधि मंडल ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी से निवेदन किया कि मंगलौर और बद्रीनाथ निर्वाचन क्षेत्र के लिए जल्द से जल्द उपचुनाव कराया जाए।
प्रतिनिधि मंडल ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को बताया कि 30 अप्रैल 2024 को स्वर्गीय सरबत करीम अंसारी के इंतकाल हुए 6 महीने का समय पूरा हो जाएगा,उक्त निर्वाचन क्षेत्र जिसका 30.10.2023 से कोई प्रतिनिधित्व नहीं है, को उत्तराखंड विधानसभा में अपना निर्वाचित प्रतिनिधि दिलवाने का कष्ट करें। प्रतिनिधि मंडल में उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (संगठन) मथुरादत्त जोशी, मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी, महामंत्री (प्रशासन) महेंद्र सिंह नेगी, राजनीतिक/मीडिया सलाहकार (मा अध्यक्ष) अमरजीत सिंह, प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट शामिल रहे।