अशासकीय महाविद्यालयों को बंद करने की साजिश रच रही है भाजपा सरकार : धस्माना

देहरादून 14 अक्टूबर : उत्तराखंड के उच्च शिक्षा संस्थान डीएवी स्नातकोत्तर महाविद्यालय, डी बी एस महाविद्यालय , एम के पी महाविद्यालय समेत अनेक सरकारी सहयता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों को पैसे की कमी का बहाना बनाकर राज्य की भाजपा सरकार बंद करना चाहती है। कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने सोम्बर को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में एक पत्रकार करते हुए धामी सरकार पर आरोप लगाया कि भाजपा सरकार जान बूझ कर ऐसी परिस्थितियां पैदा कर रही है, जिससे उच्च शिक्षा में पिछले दशकों से महत्वपूर्ण योगदान देने वाले सरकारी सहता पाने वाले नामी अशासकीय महाविद्यालय बंद हो जाएं।

उन्होंने कहा कि इसके लिए लिए भाजपा सरकार ने वर्ष 2019 से इन महाविद्यालयों में नियुक्तियों पर प्रतिबंध लगा रखा है, जिससे हालत ऐसे हो गए हैं कि डी ए वी स्नातकोत्तर महाविद्यालय में कुल स्वीकृत 186 पदों में से पद डीबीएस महाविद्यालय में 15 पद , एम के पी महाविद्यालय में कुल स्वीकृत 63 पदों में से 49 पद रिक्त चल रहे हैं। एम पी जी महाविद्यालय में 5 पद रिक्त पड़े हैं, जबकि एस जी आर आर में अध्यापकों के 13पद रिक्त हैं।

धस्माना ने कहा कहा कि नॉन टीचिंग स्टाफ में भी सभी महाविद्यालयों में आधे से ज्यादा पद रिक्त पड़े हैं। उन्होंने कहा कि हालत ऐसे ही रहे तो आने वाले कुछ वर्षों में अनेक संकायों में अध्यापक ना होने से संकाय ही बंद हो जाएंगे। धस्माना ने कहा कि डी ए वी महाविद्यालय एक जमाने में उत्तराखंड ही नहीं बल्कि उत्तर भारत का एक प्रमुख शिक्षण संस्थान था, जहां से देश के महान नेता स्वर्गीय हेमवती नन्दन बहुगुणा उसके माध्यमिक स्कूल से पड़ कर निकले, नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री लोकेंद्र बहादुर चांद , उत्तराखंड के पहले मुख्यमंत्री नित्या नंद स्वामी , उत्तरप्रदेश के पूर्व डीजीपी चमन लाल प्रद्योत, समेत अनेक विभूतियां यहां से शिक्षा ग्रहण कर देश के अनेक भागों में अलग अलग क्षेत्रों में सेवा की।

धस्माना ने कहा कि राज्य की सरकार इन शिक्षण संस्थाओं को कमजोर कर निजी विश्व विद्यालयों को बढ़ावा दे कर उच्च शिक्षा का बाजारीकरण कर रही है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि डी ए वी महाविद्यालय में एल एल बी की पढ़ाई तीन वर्ष की जहां पंद्रह हजार रुपए से कम में पूरी हो जाती है वहीं यही कोर्स किसी निजी विश्विद्यालय से कराने में साढ़े चार लाख रुपए से छह लाख रुपए में होता है। श्री धस्माना ने कहा कि सस्ती उच्च शिक्षा देने वाले इन सरकारी अनुदान से चलने वाले अशासकीय महाविद्यालयों को बंद कर महंगी उच्च शिक्षा देने वाले निजी विश्विद्यालय को सरकार बड़ावा दे रही है। श्री धस्माना ने कहा की आने वाले चांद महीनों में मोटी रकम ले कर कम से कम दो दर्जन नए विश्विद्यालय खोलने की तैयारी सरकार कर रही है। श्री धस्माना ने कहा कि राज्य सरकार के उच्च शिक्षा के प्रति इस रवैया के खिलाफ वे शीघ्र प्रदेश के राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार को उचित निर्देश देने का आग्रह करेंगे। धस्माना ने राज्य सरकार के अशासकीय महाविद्यालयों के प्रति उपेक्षापूर्ण व्यहवार पर 15 सूत्री आरोप पत्र भी जारी किया जो इस विज्ञप्ति के साथ संलग्न है पीडीएफ के रूप में।

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