किसानों को सलाह, यूरिया और डीएपी के अत्यधिक प्रयोग से बचें
अल्मोड़ा, 28 नवम्बर। इंडियन फारमर्स फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव लिमिटेड (इफको) द्वारा जिला सहकारी बैंक सभागार अल्मोड़ा में सहकारी प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्य विपणन प्रबंधक, इफको, देहरादून राकेश कुमार श्रीवास्तव द्वारा बताया गया की अत्यधिक यूरिया के प्रयोग से हमारी मिट्टी ख़राब होती जा रही है और भूमि एवं भूमिगत जल प्रदूषित हो रहा है यूरिया के अत्यधिक प्रयोग से फसलों में कीड़े बीमारी भी अधिक मात्रा में लग रहे हैं जिसके निवारण हेतु रासायनो का प्रयोग करने से मानव स्वास्थ मे अत्यधिक प्रभाव पड़ रहा है कैंसर ट्रेन जिसका इसका उदाहरण है।
उन्होंने मिट्टी में बुवाई के समय केवल आधी मात्रा में डीएपी देने की सलाह दी। उनके द्वारा बीजो को नैनो डी ए पी से बीज के हिसाब से शोधित करने की सलाह दी गई तथा खड़ी फसल में आधी मात्रा में यूरिया तथा उसके बाद नैनो यूरिया व नैनो डीएपी तरल तथा सागरिका मिलाकर दो स्प्रे करने की सलाह दी जिससे मिट्टी भी खराब नहीं होगी वातावरण भी प्रदूषित नहीं होगा और भूमिगत जल भी खराब नहीं होगा। तथा उत्पादन में भी वृद्धि होगी उनके द्वारा बताया गया की पर्वतीय जनपद मे उर्वरक के परिवहन का कार्य सबसे कठिन है परन्तु इफको केवल अकेली संस्था है जो पहाड़ो पर उर्वरक ला रही है, नैनो उर्वरक परिवहन हेतु पर्वतीय क्षेत्रों के लिए वरदान साबित होगा।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में कार्यक्रम में मुख्य प्रबंधक इफको राजीव शर्मा द्वारा जल विलेय उर्वरक के प्रयोग विधि तथा महत्त्वता के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया तथा उनके द्वारा बताया गया कि इफको के जल विलेय उर्वरक का प्रयोग कर हम अपने खेती मे हुई लागत को भी कम कर सकते है। क़ृषि सेवाएं देहरादून मनोज दानू द्वारा इफको के जल विलेय उर्वरक तथा सागरिका दचा कांसोर्टिया, बायो डेकोम्पोज़र के बारे मै बतया गया उनके द्वारा बताया गया। निहारिका पाण्डे द्वारा पोंधो के लिए आवश्यक प्राथमिक तत्वों छच्ज्ञ के कार्यों तथा आवश्यक्तानुसार पोंधो मे तत्वों से होने वाली कमियों की पहचान तथा इफको के अन्य उत्पाद जैसे बोरोन, जिंक इत्यादि के बारे मे बताया गया प्रशिक्षण कार्यक्रम में वैज्ञानिक वि. पी. के. ए. एस अल्मोड़ा द्वारा डॉ राजेंद्र प्रसाद मीणा ने इफको के नैनो यूरिया के ऊपर चलाये गए रिसर्च ट्रायल के बारे मे बताया उनके द्वारा बताया गया की आने वाला समय नैनो उत्पादों का ही है नैनो का प्रयोग पत्तियों द्वारा किए जाने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति बनी रहेगी जिससे आने वाले समय मे लोग खेती को सतत रूप से कर पाएंगे तथा उनके द्वारा फसलों की आवश्यक्तानुसार उर्वरक तथा नैनो उर्वरक की पूर्ति के विषय मे भी बताया गया कार्यक्रम मे उपस्थित सभी प्रतिभागियों की क़ृषि से सम्बंधित सभी प्रकार की समस्याओ का निवारण भी किया गया।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में उप निबंधक सहकारी समितियां कुमायूं मण्डल हरीश चंद्र खंडूरी द्वारा सभी समिति सचिवों को नैनो यूरिया तथा नैनो डी ए पी के प्रयोग को बढ़ावा देने हेतु कहा गया, उनके द्वारा कहा गया कि अल्मोड़ा जनपद मे क़ृषि को बढ़ावा देने के लिए सर्वप्रथम हमें नैनो उर्वरेको और अन्य सभी तरल उर्वरेको को बढ़ावा देना होगा जिससे समिति से जुड़े सभी किसानों को उर्वरक के परिवहन मे तो सुविधा हो ही साथ ही साथ किसानों की भी लागत कम तथा मुनाफा अधिक हो।इस प्रशिक्षण कार्यक्रम मे अपर जिला सहकारी आधिकारी, सहायक विकास आधिकारी, समिति सचिव मिलाकर लगभग 50 लोगो ने प्रतिभाग किया।