उत्तरकाशी :हैदराबाद की नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड (एनईसी), जिसने उत्तराखंड में सिल्कयारा-बारकोट सुरंग का निर्माण किया , उसका एक हिस्सा 12 नवंबर, 2023 को ढह गया था, जिसमें 41 श्रमिक फंस गए थे। श्रमिकों को 28 नवंबर को बचा लिया गया था। ये वही कंपनी थी जिसने भाजपा के लिए 55 करोड़ रुपये के चुनावी बांड खरीदे थे ।
अब यही कंपनी सुरंग के ढहने से उपजे वित्तीय संकट का हवाला देते हुए कर्मचारियों को नौकरी से निकाल रही है। जिसके बाद सिलक्यारा बेंड-बड़कोट रोड सुरंग परियोजना के 65 बर्खास्त कर्मचारियों ने विरोध में शनिवार से अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है।
धरने पर बैठे श्रमिकों ने बताया कि , “कंपनी ने कुछ दिन पहले हमें एक नोटिस दिया था और कहा था कि नवंबर 2023 की दुर्घटना में हुए नुकसान के कारण वे हम भुगतान करने में असमर्थ हैं। गौरतलब है कि कंपनी ने अपने कार्यालय और कार्यशालाएँ बनाने के लिए इन श्रमिकों की ज़मीन अधिग्रहित की थी । समझौते के तहत जिन लोगों की जमीन गई थी उसमें मुआवज़ा देने के अलावा स्थायी नौकरी देने का वादा किया गया था। लेकिन उन्होंने शनिवार को इन लोगों को सुरंग के अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई ।”
ब्लॉक प्रमुख राजदीप सिंह परमार भी मज़दूरों के साथ एकजुटता दिखाते हुए धरने में शामिल हुए हैं। परमार ने कहा, “नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड को समझौते का उल्लंघन नहीं करना चाहिए। हम अपने इलाके में ऐसा नहीं होने दे सकते। उन्होंने पहले ही मज़दूरों की ज़मीन छीन ली है और अब उनके साथ छल कर रहे हैं।”उन्होंने आगे कहा, “जब कंपनी गहरे संकट में थी, तब मज़दूरों ने उसका साथ दिया था, लेकिन अब कंपनी उन्हें धोखा दे रही है।”