2017 के बाद मनोज रावत और आशा नौटियाल एक बार फिर आमने- सामने

2017 में आशा नौटियाल निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में उतरी थी

रुद्रप्रयाग 28 अक्टूबर। केदारनाथ विधानसभा के उपचुनाव के लिए सोमवार को कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व विधायक मनोज रावत व बीजेपी प्रत्याशी आशा नौटियाल ने नामांकन किया। इस दौरान पार्टीकार्यकर्ताओं की जबरदस्त भीड़ देखने को मिली , दोनों पार्टियों ने अपने अपने प्रत्याशी को भारी बहुमत से विजय बनाने का संकल्प लिया।

बीजेपी प्रत्याशी आशा नौटियाल के नामांकन के समय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी , गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी , रमेश पोखरियाल सहित वरिष्ठ पदाधिकारी व नेता शामिल हुए। तो दूसरी तरफ पूर्व विधायक मनोज रावत के नामांकन के दौरान पूर्व सीएम हरीश रावत, वरिष्ठ नेता यशपाल रावत,प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन महरा, गणेश गोदियाल और प्रीतम सिंह शामिल हुए।

गौरतलब है कि केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र में भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर होती रही है। आशा नौटियाल केदारनाथ से लगातार दो बार वर्ष 2002 व 2007 में विधायक रह चुकी हैं। भाजपा ने आशा नौटियाल को 2012 में टिकट दिया लेकिन 2012 से यहां कांग्रेस ने अपने को स्थापित करने के साथ ही वोट बैंक को बढ़ाने में सफल रही । वर्ष 2012 में स्व. शैलारानी रावत कांग्रेस के टिकट से पहली बार विधानसभा पहुंची। सितंबर 2012 में ऊखीमठ और जून 2013 में केदारनाथ आपदा के बाद क्षेत्र में जनजीवन को पटरी पर लाने व मूलभूत सुविधाओं को जुटाने में समय बीतने पर अक्तूबर 2016 में वह पार्टी से विद्रोह कर भाजपा में शामिल हो गईं। २०१७ में आशा नौटियाल को बीजेपी ने टिकट नहीं दी तो तो वो निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में खड़ी हो गई।

इसके बाद वर्ष 2017 के विस चुनाव में कांग्रेस ने मनोज रावत को अपना प्रत्याशी बनाया।

शैलारानी रावत ने मनोज रावत को हराया 2017

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