चारधाम यात्रा के बाद केदारनाथ धाम में पटा 2324 टन कूड़ा
रुद्रप्रयाग / चमोली 16 नवंबर। उत्तराखंड में हर साल होने वाली चारधाम यात्रा में अगर हर साल नए रिकॉर्ड बन रहे हैं, तो दूसरी तरफ कूड़े के पहाड़ भी उसी अंदाज में बढ़ रहे हैं ।अकेले केदारनाथ धाम के अगर बात करें तो इस बार वहां 2324 टन कूड़ा जमा हुआ, जो पिछले साल से करीब 324 टन अधिक है। चारधाम यात्रा पर आने वाले लाखों श्रद्धालु पुण्य कमाकर तो ले जा रहे हैं, ले यहां हजारों टन कूड़ा छोड़कर जा रहे हैं।
बदरीनाथ धाम में अभी यात्रा जारी है, लेकिन यहां भी पिछले साल का कूड़े का रिकॉर्ड टूट चुका है। पिछले साल बदरीनाथ में 190 टन कूडा एकत्र किया गया था, इस साल अब तक 220.10 टन कूड़ा एकत्रित किया गया है। बदरीनाथ धाम में अभी यात्रा जारी है तो कूड़ा यह आंकड़ा अभी और भी बढ़ने की संभावना है। गंगोत्री में इस बार 705 और यमुनोत्री धाम में 443 कुंतल कूड़ा एकत्रित हुआ। उच्च हिमालयी में मानवीय के बढ़ते दबाव के बीच पर्यावरण चिंताएं भी लगातार बढ़ रही हैं ।
यात्रियों के टूटते रिकॉर्ड के साथ वहां जमा होने वाला कूड़ा भी हर साल नए कीर्तिमान बना रहा है। केदारनाथ धाम में इस बार रिकॉर्ड 1768 लाख तीर्थयात्री पहुंचे तो कूड़े की मात्रा भी 324 टन बढ़ गई। केदारनाथ में अन्य तीनों धामों की तुलना में अधिक कूड़ा एकत्र हुआ है। सोनप्रयाग से केदारनाथ घोड़ा पड़ाव तक कूड़ा प्रबंधन की जिम्मेदारी सुलभ इंटरनेशनल के पास है। इस संस्था के प्रबंधक धनंजय पाठक ने बताया कि केदारनाथ के पैदल रास्ते पर इस सीजन में 2300 टन कूड़ा एकत्रित किया गया। इसके निस्तारण के लिए रुद्रप्रयाग मुख्यालय लाने में 74 लाख रुपये का खर्च आया।
प्रशासन के तमाम सख्ती के बावजूद चार धाम यात्रा मार्ग में प्लास्टिक, थर्मोकोल जैसे न गलने वाले कचरे का इस्तेमाल कम नहीं हो पा रहा है। इससे पर्यावरण और पारिस्थितिकी के लिए खतरा बढ़ता जा रहा है। इस बार अब तक कुल 47.90 लाख श्रद्धालुओं ने चारों धाम के दर्शन किए हैं, जबकि पिछले साल चारधाम की यात्रा पर 46.37 लाख श्रद्धालु उत्तराखंड आए थे।