चमोली 19 मई। चमोली में स्थित सिखों के सबसे पवित्र स्थानों में से एक हेमकुंड साहिब गुरुद्वारे के कपाट 25 मई दिन शनिवार को खोले जाएंगे। हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा सिखों समुदाय के 10वें गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंहजी की तपस्थली है जो दुनिया का सबसे ऊंचा गुरुद्वारा भी है।
इस साल राज्य सरकार, जिला प्रशासन और गुरुद्वारा प्रबंधन ने जमीनी हालात को देखते हुए प्रतिदिन श्रद्धालुओं के पहुंचने की सीमा तय की है। कपाट खुलने के बाद प्रतिदिन 3500 श्रद्धालु ही हेमकुंड साहिब जा सकेंगे। गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी का कहना है कि हेमकुंड साहिब में अभी भी काफी बर्फ है। बर्फ पिघलने के बाद श्रद्धालुओं की संख्या पर फिर से विचार किया जाएगा।
यात्रा शुरू होने से पहले 22 मई को पंज पयारों की अगुवाई में राज्यपाल एवं संत समाज द्वारा ऋषिकेश से हेमकुंड साहिब यात्रा का आजाग करेंगे । दो दिन पहले जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने गुरुद्वारा प्रबंधन के साथ गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब का पैदल निरीक्षण किया था। हेमकुंड संस्कृत का नाम है, जिसका अर्थ हेम (बर्फ) और कुंड (कटोरा) है। यहां पर स्थित झील और उसके आसपास के पवित्र स्थल को लोग लोकपाल कहते हैं।