क्या आप जानते हैं?: अगर जय प्रकाश नारायण ने इँदिरा गांधी को वो लाल बंडल ना लौटाया होता तो…
1 नवंबर 1974 को जय प्रकाश नारायण ने एक गलती ना की होती तो क्या इमरजेंसी के वक्त उनकी गिरफ्तारी रुक सकती थी, और क्या उनकी गिरफ्तारी ना होती तो देश के हालात कुछ और होते। दरअसल,1 नवंबर 1974 की रात 9 बजे जय प्रकाश नारायण इंदिरा गांधी से मिलने उनके घर 1 सफदरजंग रोड गए थे। जेपी को बताया ये गया था कि बातचीत उनके और इंदिरा के बीच होनी है,लेकिन वहां इंदिरा चुप बैठी थीं और जगजीवन राम बोले जा रहे थे। खैर, बातचीत खत्म हुई तो इँदिरा ने जेपी से सिर्फ एक लाइन कही। उन्होंने कहा-आप देश के बारे में सोचिए। ये बात जेपी को चुभ गई।
उन्होंने बिना लागलपेट के कहा-इंदु मैंने देश के अलावा सोचा ही क्या है। खैर, किस्सा ये नहीं है क्योंकि उसी दिन ऐसा कुछ और भी घटा था, जो इतिहास में उतनी प्रमुखता से दर्ज नहीं हुआ। इसी दिन मीटिंग के खत्म होने के बाद जेपी ने इँदिरा से कहा-मुझे तुमसे अकेले में दो मिनट बात करनी है। इंदिरा को पहले तो समझ नहीं आया कि जेपी को क्या कहना है लेकिन फिर वो फौरन जेपी को अलग कमरे में ले गईं। जेपी ने अपने झोले से एक बंडल निकाला,और इंदिरा को लौटा दिया। इंदिरा ने जब बंडल में मौजूद चीज़ के बारे में जाना तो राहत की सांस ली लेकिन जेपी से कुछ कहा नहीं। लेकिन, जेपी के सहयोगी इस बात से बहुत नाराज हुए क्योंकि जेपी ने इँदिरा को वो राज लौटा दिए थे,जो उनके लिए बहुत कीमती साबित हो सकते थे। आखिर ऐसा क्या था उस बंडल में। जेपी ने इँदिरा को लाल बंडल में क्या लौटाया था।
पूरा किस्सा यहां देखिए।