देहरादून २९ नवंबर। शुक्रवार को देहरादून में इंडिया गठबंधन के सदस्य दलों ने मुख्यमंत्री के नाम पर पत्र जारी कर चिंता और हैरानी व्यक्त की कि 24 अक्टूबर को उत्तरकाशी में हुए आपराधिक दंगे पर कानून के अनुसार कार्यवाही करने में सरकार कतराते हुए दिखाई दे रही है। ऐसे लग रहा है कि सरकार इस हिंसक आंदोलन को बढ़ावा देना चाह रही है। उस दिन 27 लोग घायल हुए। कुछ पुलिसकर्मी को देहरादून को ले कर आना पड़ा। लेकिन जो सरकार लगातार दावा कर रही है कि दंगों को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा, वही सरकार इस दंगे के ज़िम्मेदार लोगों पर गंभीर धाराएं नहीं लगायी है।
इंडिया गठबंधन के नेताओं ने कहा कि इनमें से कुछ प्रमुख लोगों के नाम FIR में दर्ज ही नहीं हैं। अभी फिर आह्वान को जारी किया गया हैं कि उत्तरकाशी में “महापंचायत” के नाम पर एक और कार्यक्रम होगा, जिसमें फिर हिंसा एवं नफरती भाषण होने की पूरी सम्भावना है। इसके अतिरिक्त वहां के अधिकारियों को हटाया गया, जो सांप्रदायिक उन्मादियों का हौसला बढ़ाने वाली कार्यवाही है। इसके आलावा कीर्तिनगर और अन्य जगहों में भी ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, यहाँ तक कि कीर्तिनगर में आरोप है कि सत्ताधारी दल के कार्यकर्ता खुद नाबालिग लड़कियों का अपहरण करने में शामिल था ताकि सांप्रदायिक तनाव बढ़ जाये। 28 अक्टूबर को 101 वरिष्ठ सेवानिवृत्त नौकरशाहों की ओर से राष्ट्रीय गृह मंत्री के नाम पर जारी हुए खुला खत का ज़िक्र भी करते हुए ।
इंडिया गठबंधन के दलों ने कहा कि उत्तराखंड वीर चंद्र सिंह गढ़वाली, श्रीदेव सुमन और जयानंद भारती जैसे नायकों की धरती है। यहाँ नफ़रती दुष्प्रचारों और हिंसक अभियानों को संरक्षण नहीं मिलना चाहिए। इसलिए सरकार 24 अक्टूबर की घटना के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों पर सख्त कार्यवाही करे, कानून और उच्चतम न्यायालय के फैसलों पर अमल करे, और उत्तराखंड के हर नागरिक की सुरक्षा के लिए कदम उठाए ।