कोटद्वार 30 मई। प्रदेश के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में शुक्रवार को कोटद्वार की अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (एडीजे कोर्ट) ने फैसला सुनाया । कोर्ट ने तीनों आरोपियों रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, उसके कर्मचारी सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को हत्या का दोषी करार दिया। इन तीनों पर 302, 201, 354, धाराओं में दोष सिद्ध हुआ है। कोर्ट ने तीनों को कठोर उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही 50-50 हजार रुपये का अर्थ दंड और अंकिता के परिजनों को चार लाख रुपये देने का फैसला भी कोर्ट ने सुनाया।
इससे पहले पुलिस प्रशासन द्वारा लगाई बैरिकेडिंग को जनता ने तोड़कर न्यायालय की ओर बढ़ने की भीड़ की कोशिश की। जिसके बाद लोगों ने सरकार विरोधी नारेबाजी शुरू कर दी। अदालत के फैसले पर पूरे उत्तराखंड और देश के लोगों की निगाहें टिकी थीं। कोटद्वार में इसके लिए पुलिस प्रशासन की ओर से व्यापक सुरक्षा प्रबंध किए गए है। गढ़वाल मंडल के विभिन्न जनपदों से पुलिस फोर्स कोटद्वार बुलाई गई है। अदालत परिसर के बाहर की सड़कों पर बैरिकेडिंग लगाई गई है। अदालत के फैसले को देखते हुए एसडीएम कोटद्वार ने अदालत परिसर के 200 मीटर के दायरे में धारा 163 लागू कर दी है। जिला प्रशासन ने कोटद्वार में चार और पौड़ी में एक मजिस्ट्रेट की तैनाती कर दी है। कोई भी व्यक्ति समूह में अदालत के 200 मीटर के दायरे में प्रवेश नहीं कर सकेगा। इसके साथ ही नारेबाजी, धरना प्रदर्शन भी प्रतिबंधित कर दिया गया था ।
बीती 19 मई को अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता विशेष लोक अभियोजक अवनीश नेगी की ओर से बचाव पक्ष की बहस का जवाब देकर सुनवाई का सिलसिला समाप्त किया गया था। अदालत ने दोनों पक्षों की बहस व दलीलें सुनने के बाद फैसला सुनाने के लिए 30 मई की तिथि निर्धारित की थी। कोटद्वार स्थित एडीजे कोर्ट में 30 जनवरी, 2023 को मामले की पहली सुनवाई शुरू हुई थी। एसआईटी जांच के बाद अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत में 500 पेज का आरोपपत्र दाखिल किया गया।
करीब दो साल और आठ महीने तक चली सुनवाई में अभियोजन पक्ष की ओर से विवेचक समेत 47 गवाह अदालत में पेश किए। हालांकि एसआईटी ने इस मामले में 97 गवाह बनाए थे, जिनमें से 47 अहम गवाहों को ही अदालत में पेश कराया गया।
20 सितंबर 2022 को अंकिता के गुम होने की राजस्व क्षेत्र पट्टी उदयपुर पल्ला में शिकायत की।
22 सितंबर 2022 को जिलाधिकारी के आदेश से यह मामला नियमित पुलिस लक्ष्मणझूला थाने को दिया गया।
लक्ष्मण झूला पुलिस ने जांच की और पुलकित, अंकित और सौरभ से पूछताछ में पता चला कि उन्होंने 18 सितंबर को उसकी हत्या कर दी।हत्या का कारण यही आया कि तीनों उस पर अनैतिक कार्यों को करने का दबाव डाल रहे थे। राज बाहर न आए इसलिए उसे चीला नहर में धक्का दे दिया।
22 सितंबर को पुलिस ने मुकदमे से अपहरण की धारा हटाकर हत्या, साक्ष्य छुपाने और आपराधिक षडयंत्र की धारा जोड़ दी।
23 सितंबर को न्यायालय के आदेश पर तीनों आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया। इस दौरान भी लोगों ने उग्र प्रदर्शन किया।
24 सितंबर को अंकिता भंडारी का शव घटनास्थल से 13 किलोमीटर दूर चीला नहर बैराज इंटेक से बरामद किया गया।