उत्तरकाशी 26 मार्च। सिलक्यारा टनल एक बार फिर से सुर्ख़ियों में है कल यानि होली के दिन इस टनल में हादसा होने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। जिसके बाद टनल में काम रोक दिया गया है । बताया जा रहा है कि एक मशीन सुरंग के पास ही काम कर रही थी, तभी मशीन अचानक पलट गई. जिससे मशीन की चपेट में आने से हेल्पर गोविंद कुमार की मौके पर ही मौत हो गई। मजदूर गोविंद कुमार पिथौरागढ़ जिले का रहने वाला था। इस मामले में चौकी प्रभारी जीएस तोमर ने बताया कि हादसे की वजहों की जांच की जा रही है। फिलहाल शव परिजनों को सौंप दिया गया हैं।
यह हैदराबाद ये वही कंपनी है जिसे नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड (एनईसी), के नाम से जाना जाता है जिसने चुनावी बांड के जरिये बीजेपी को ₹ 55 करोड़ दान में दिए थे, १७ दिनों तक दुनिया की नजरें सिलक्यारा टनल पर रही लेकिन कंपनी के खिलाफ आज तक केस तक दर्ज नहीं हुआ ।
इतना सबकुछ हो गया लेकिन प्रदेश की धामी सरकार आँखें बंद करके बैठी रही। हादसों की टनल के नाम से मशहूर सिलक्यारा टनल पर पिछले साल दीपावली के दिन बड़ा भूस्खलन हो गया था. भूस्खलन के कारण सिलक्यारा टनल के दूसरे छोर पर काम कर रहे करीब 41 मजदूर फंसे गए थे. करीब 17 दिन लंबे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद अंदर फंसे सभी 41 मजदूरों को सुरक्षित निकाला गया था. इस हादसे के करीब दो महीने बाद सिलक्यारा टनल में फिर से काम शुरू किया गया था।
अब निर्माणदायी संस्था ने सिलक्यारा टनल में पड़े मलबे को हटाने के लिए स्विट्जरलैंड की कंपनी से तकनीकी मदद मांगी है, जिसके लिए उन्हें करीब 20 करोड रुपए खर्च करने होंगे. इसके लिए बाकायदा अब डीपीआर तैयार की गई है. बताया जा रहा है कि टनल से मलवा हटाने का काम अप्रैल की एक या दो तारीख से शुरू हो जाएगा।