“सेवा का अधिकार” शासन की मूल भावना , हीला-हवाली बर्दास्त नहीं : जिलाधिकारी

अल्मोड़ा, 30 अक्टूबर। सेवा का अधिकार संबंधी शिकायतों की समीक्षा बैठक में बोले जिलाधिकारी — हीला-हवाली असहनीय, हर नागरिक को तय समय में मिले सेवा का अधिकार।जिलाधिकारी अंशुल सिंह की अध्यक्षता में आज जिला कार्यालय सभागार में सेवा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत प्राप्त शिकायतों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में जनपद के विभिन्न विभागों द्वारा दी जा रही सेवाओं की स्थिति एवं लंबित शिकायतों की प्रगति की समीक्षा की गई।

जिलाधिकारी ने कहा कि “सेवा का अधिकार” शासन की मूल भावना है , जनता को तय समय सीमा के भीतर पारदर्शी और गुणवत्तापूर्ण सेवा प्राप्त होना उनका अधिकार है। उन्होंने सभी विभागों को निर्देश दिए कि सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करें और किसी भी नागरिक को लाभ से वंचित न रहने दें।उन्होंने स्पष्ट कहा कि हीला-हवाली या टालमटोल की प्रवृत्ति किसी भी स्तर पर असहनीय है। अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि हर पात्र व्यक्ति तक शासन की योजनाओं और सेवाओं का लाभ समयबद्ध रूप से पहुंचे।

जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिए कि सभी कार्यालयों में सेवा का अधिकार अधिनियम संबंधी बोर्ड अनिवार्य रूप से प्रदर्शित हों, ताकि आम नागरिकों को यह जानकारी रहे कि कौन सी सेवा उन्हें कितने समय में और किस अधिकारी से प्राप्त हो सकती है। उन्होंने कहा कि शासन की प्राथमिकता है कि हर नागरिक को उसका वैधानिक अधिकार सहज, सुलभ और पारदर्शी तरीके से मिले। इसके लिए अधिकारियों को संवेदनशीलता और उत्तरदायित्व के साथ कार्य करना होगा।बैठक में अपर जिलाधिकारी युक्ता मिश्र , सीएमओ नवीन चंद्र तिवारी , डीडीओ एस के पंत सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

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