देहरादून 14 जून। उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा ने उद्यान घोटाले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि विभाग द्वारा ऐसी कंपनी को काम दिया गया जिसका 2022 तक कोई अस्तित्व ही नही था। उन्होंने कहा कि बिना प्रोफाइल जॉचे कंपनी को उद्यान विभाग द्वारा लाइसेंस दे दिया गया। नेताओं और अधिकारियों की मिली भगत के बिना यह संभव नही हो सकता है। उन्होंने कहा कि यदि न्यायालय द्वारा सीबीआई के जॉच के आदेश नही दिये जाते तो यह जॉच भी ठण्डे बस्ते मेें चली जाती। उन्होंने कहा कि हिमाचल की तर्ज पर बागवानी को बढ़ावा और प्रेात्साहन देने के लिए इस योजना को शुरू किया गया था। परन्तु मानक पूर्ण ना होने के बावजूद भी सप्लाई के काम का लाइसेन्स महंगी दरों दे दिया गया।
उन्होंने कहा कि सीबीआई द्वारा 18 अधिकारियों एवं कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने से यह साफ हो गया है कि दाल में काला ही नही बल्कि पूरी दाल ही काली है। माहरा ने कहा कि कांग्रेस लगातार सरकार पर घोटाले का अरोप लगा रही थी पर सरकार के कॉन में जॅू तक नही रैंगी। सरकार भ्रष्ट अधिकारियों को बचाने का काम कर रही थी पर सीबीआई ने जिस तरह 18 अधिकारियों व कर्मचारियों पर मुकदमा दर्ज किया है उससे साफ नजर आ रहा है कि नेताओं और अधिकारियों की मिलीभगत से यह घोटाला हुआ है। उन्होंने कहा कि कुछ सफेदपोस नेता भी घोटाले में लिप्प हैं उनकी भी गहनता से जॉच होनी चाहिए और उन पर भी मुकदमा चलना चाहिए ताकि दूध का दूध पानी का पानी हो सके।
करन माहरा ने कहा कि भाजपा सरकार में विभाग, मंत्रालय और स्वयं मंत्री भ्रष्टाचार में पूरी तरह लिप्त हैं और राज्य सरकार घोटाले बाजों को लगातार संरक्षण देने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि उद्यान घोटाले के जॉच के आदेश यदि न्यायालय नही देता तो सरकार एसआईटी जॉच कर इतिश्री करने का काम करतीं। उन्होंने कहा नैतिकता के आधार पर उद्यान मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए।