उत्तर प्रदेश के बांदा में पिछले 1 साल में 192 किसानों ने की आत्महत्या

बांदा 17 नवंबर। बाँदा के अतर्रा तहसील मुख्यालय विद्याधाम समिति ने शनिवार को जनसंवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया , जिसमें किसानों की आत्महत्यों कर्जदारी, और पलायन की समस्या पर चिंताजनक आंकड़े पेश किए गए। कार्यक्रम में प्रभा मिश्रा और अर्चना कुशवाहा ने अपनी एक सर्वे रिपोर्ट पेश की जिसके अनुसार, पिछले एक साल में बाँदा जनपद में 192 किसानों ने आत्महत्या की, जिनमें 75 महिलाएं थीं। 90 प्रतिशत किसान कर्ज में डूबे हुए हैं, और 70 प्रतिशत परिवारों ने महानगरों की ओर पलायन किया है।

किसानों की पर लगातार पढ़ रही प्राकृतिक आपदाओं, बेमौसम बारिश, और जल स्तर में गिरावट के कारण फसलें सूख रही हैं। मनरेगा के काम ठप होने से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार की स्थिति और बिगड़ गई है। समिति के मंत्री राजाभइया ने कहा कि आंकड़े समिति की सर्वे रिपोर्ट और समाचार पत्रों पर आधारित हैं। रिपोर्ट के अनुसार, 2020 से आत्महत्याओं की संख्या में हर साल वृद्धि हो रही है। संगीताचार्य लल्लूराम शुक्ल, समाजसेविका माया श्रीवास्तव, और पूर्व प्रधान विजय बहादुर सहित अन्य वक्ताओं ने आत्महत्या रोकने के लिए सामूहिक प्रयासों और संगठनात्मक मजबूती पर जोर दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि किसान एक-दूसरे के सुख-दुख में भागीदार बनें और आत्महत्या जैसे कदम उठाने से पहले परामर्श लें।

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