उत्तराखंड के वो 24 गैर जिम्मेदार विधायक जो गैरसैण में विधानसभा सत्र नहीं चाहते थे।

राकेश डंडरियाल

देहरादून 27 अप्रैल । आखिरकार पक्ष व विपक्ष के उन 24 विधायकों के नाम सामने आ ही गए जिन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर कहा था कि विधानसभा का सत्र गैरसैण में न कराया जाए , वहां ठंड बहुत है। शनिवार को मंडी समिति देहरादून के पूर्व अध्यक्ष रविंद्र सिंह आनंद ने प्रेस क्लब में प्रेस वार्ता करते हुए इस बात का खुलासा किया कि 26 फरवरी 2024 को देहरादून में हुए विधानसभा सत्र जो कि गैरसेंण में प्रस्तावित था को वहां न कराकर देहरादून में कराया जाए। उन्होंने वार्ता के दौरान उन 24 विधायकों की लिस्ट भी जारी की। लिस्ट में इन विधायकों के नाम शामिल हैं, जिनमे 21 भाजपा दो कांग्रेस और एक इंडिपेंडेंट विधायक हैं।

आदेश चौहान विधायक रानीपुर, बीजेपी
दुर्गेश्वर लाल -पुरोला बीजेपी
शहदेव सिंह पुंडीर – सहसपुर बीजेपी
प्रमोद नैनवाल – रानीखेत , बीजेपी
भूपाल राम टम्टा -थराली , बीजेपी
अरविन्द पांडेय -गदरपुर -बीजेपी
तिलकराज बेहड़ – किच्छा -कांग्रेस
गोपाल सिंह राणा -नानकमत्ता-कांग्रेस
बिशन सिंह चुफाल -डीडीहाट -बीजेपी
प्रदीप बत्रा -रुड़की -बीजेपी
सबिता कपूर -केंट -देहरादून -बीजेपी

दिलीप रावत -लैंसडोन -बीजेपी
त्रिलोक सिंह चीमा -काशीपुर -बीजेपी
बृजभूषण गैरोला -डोईवाला -बीजेपी
राजकुमार पोरी-पौड़ी-बीजेपी
शिव अरोरा -रुद्रपुर -बीजेपी
उमेश कुमार -खानपुर -इण्डिपेनेंट
मोहन सिंह बिष्ट -लालकुआं -बीजेपी
राम सिंह कैड़ा-भीमताल बीजेपी
उमेश शर्मा काव-रायपुर -बीजेपी
फ़कीर राम टम्टा -गंगोलीहाट -बीजेपी
खजानदास -राजपुर रोड ,-बीजेपी

प्रेस वार्ता के दौरान रविंद्र आनंद ने बताया कि उन्होंने 26 फरवरी 2024 को विधानसभा भवन देहरादून के बाहर किए गए प्रदर्शन के बाद एक RTI लगाई थी जिसमें उन्होंने गैरसैंण में सत्र न कराए जाने वाले विधायकों एवं माननीय के नाम जानने के लिए लिए विधानसभा कार्यालय में आरटीआई लगाई थी , विधानसभा कार्यालय ने जानकारी न देते हुए तथ्यों को छुपाने का प्रयास किया। जीके बाद उन्होंने अपील की एवं मुख्यमंत्री कार्यालय सचिवालय में आरटीआई लगाकर उन विधायकों के नामो को सार्वजनिक करने को लेकर एक पत्र लिखा , जिसके जवाब में मुख्यमंत्री कार्यालय सचिवालय द्वारा 24 विधायकों के नाम का खुलासा किया गया। जबकि सूत्रों के अनुसार कुल 38 ऐसे विधायक और मंत्री थे जिनेक जिन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा था । लेकिन सरकार के इशारे पर मुख्यमंत्री कार्यालय से बी 14 माननीयों के नाम छिपाए गए ।

उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि कहीं इन 14 नामों में स्वयं मुख्यमंत्री धामी का नाम तो शामिल नहीं है? या कहीं इसमें विधानसभा अध्यक्ष का नाम शामिल तो नहीं है? या फिर वो कौन मंत्री हैं जिनके नाम छुपाए जा रहे हैं ? उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि उत्तराखंड की जनता के पैसे से बने गैरसैंण विधानसभा भवन में जो विधायक, मंत्री सत्र नहीं कराना चाहते वे उत्तराखंड की जनता के हितैषी नहीं हो सकते, वे उत्तराखंड की जनता के विरोधी हैं वे उत्तराखंड विरोधी हैं ।

उन्होंने कहा पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले मंत्री और विधायक वे ही हैं जिन्होंने पलायन रोकने की बात कही जो स्वयं खुद पहाड़ नहीं चढ़ना चाहते वो पहाड़ों से पलायन रोकने की बात कैसे कर सकते हैं इन लोगों को पहाड़ विरोधी ना कहा जाए तो क्या कहा जाए यह लोग कभी भी पहाड़ के हितैषी नहीं हो सकते पलायन रोकने और पहाड़ का विकास करने जैसी बातें इन लोगों के मुंह से खोखली लगती है।अंत में उन्होंने कहा कि वह पहाड़ की पीड़ा को भली बाती समझते हैं एवं जल जंगल जमीन की लड़ाई सदैव लड़ते रहेंगे चाहे इसके लिए उन्हें किसी के भी विरुद्ध क्यों न जाना पड़े उन्होंने कहा कि यदि इसके लिए उन्हें उग्र आंदोलन भी करने पड़े तो वह पीछे नहीं हटेंगे । प्रेस वार्ता के दौरान वी के कपूर, जी एल सदाना, मुक्तेश हांडा, अंकुर वर्मा, नवीन सिंह चौहान आदि मौजूद रहे ।

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