पौड़ी 29 जून। जिलाधिकारी डॉ0 आशीष चौहान की अध्यक्षता में (NCORD . नार्को कोर्डिनेशन सेंटर) समिति की वर्चुअल बैठक आयोजित की ।उन्होंने सबसे पहले नशामुक्ति के संबंध में विभिन्न विभागों द्वारा की गई प्रवर्तन की कार्यवाही की जानकारी ली , जिसमें स्वास्थ्य विभाग द्वारा मेडिकल स्टोर के निरीक्षण में असंतोषजनक कार्यवाही के चलते मुख्य चिकित्साधीकारी को कड़ी फटकार लगाते हुए सभी मेडिकल स्टोरों का गंभीरता से और बारीकी से निरीक्षण करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने संबंधित ड्रग इंसपैक्टर को 07 दिन के लिए युद्वस्तर पर जनपद में निरीक्षण के ही कार्य में लगने तथा मेडिकल स्तर पर इस बात का अवलोकन करने के निर्देश दिए कि सभी मेडिकल स्टोर में सीसीटीवी कैमरा लगे हैं या नहीं, मेडिकल स्टोर संचालक के पास लाइसेंस, संचालक स्वयं तैनात रहता है कि नहीं तथा मेडिकल स्टोर बच्चों को कोई नशीली सामग्री तो नहीं विक्रय करता अथवा कोई अवैध तरीके की नशीली दवाएं तो नहीं बेच रहे हैं इसका बारीकी से निरीक्षण करने के निर्देश दिये।
उन्होने संबंधित विभागों को सभी इंजीनियरिंग कॉलेज, मेडिकल कॉलेज तथा अन्य शैक्षणिक संस्थानों में नियमित रुप से स्वास्थ्य के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए वर्कशॉप अथवा जन जागरुकता कार्यक्रम आयोजित करते रहने के निर्देश दिये।जिलाधिकारी ने कोटपा अधिनियम-2003 के अन्तर्गत वैधनिक कार्यवाही करने के लक्ष्य बढ़ाने के निर्देश देते हुए अगली बैठक से पूर्व तक 350 चालान करने का लक्ष्य दिया। उन्होने उपजिलाधीकारी कोटद्वार, स्वास्थ्य विभाग, समाज कल्याण विभाग तथा स्थानीय संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि सिडकुल क्षेत्र कोटद्वार में 01 सप्ताह के भीतर अस्थाई नशामुक्ति केन्द्र का संचालन प्रारंभ करें।
जिलाधिकारी ने शिक्षा विभाग को ऐसे शिक्षकों की पहचान करने को कहा जो किसी विशेष नशे के बहुत आदी है तथा इस बात का भी अवलोकन करने को कहा कि उन शिक्षकों के नशे के आदी होने के चलते स्कूली बच्चों में तथा आस-पास वातावरण में क्या इंपैक्ट पड़ रहा है ताकि इस संबंध में अग्रिम कार्यवाही हेतु बेहतर फीडबैक प्राप्त हो सके। इसके अतिरिक्त जिलाधीकारी ने ऐसे क्षेत्रों में जहां नशे का अधिक चलन हैं वहां पर प्रवर्तन गतिधियों को बढ़ाने के निर्देश दिये। बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह, संबंधित उप जिलाधिकारी व विभिन्न संस्थाएं वर्चुअल माध्यम से जुडी हुई थी।