श्रीनगर 11 सितंबर . तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड की निदेशक (अन्वेषण) सुषमा रावत सोमवार को हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय पहुंची। विश्वविद्यालय के भूविज्ञान विभाग में उनका स्वागत डॉक्टर महेंद्र प्रताप सिंह बिष्ट ने किया, इस दौरान डॉक्टर बिष्ट ने बताया कि, एक समय (1986-87) हम दोनों वाडिया संस्थान में बतौर शोध छात्र हुआ करते थे, कुछ समय के बाद सुषमा ओएनजीसी में चली गई और मैं शोध के बाद विश्वविद्यालय में आ गया। उन्होंने कहा कि, रास्ते ईश्वर ने तय किए थे और आज लगभग 37 वर्षों बाद एक विभागाध्यक्ष दूसरे के स्वागत में खड़ा था।
डॉक्टर बिष्ट ने कहा कि, खुशी की बात है कि, सुषमा उच्छ प्रोटोकोल के बावजूद भी बिना लाव लश्कर के बड़े सौम्यता के साथ विभाग के सभी सदस्यों व शोधकर्ताओं के साथ बातचीत कर उन्हें उनके शोध कार्य के लिए प्रोत्साहित कर भरसक मदद का आश्वासन भी दे रहीं थी, रावत ने विभाग को सुदृढ़ बनाने के लिए जल्दी प्रस्ताव भी मांगा है। उन्होंने बताया कि, हम विभाग की ओर से किसी बड़े प्रस्ताव के साथ जल्दी ही उनके दिल्ली निदेशालय में जाएंगे और पूर्व की भांति, जब 2007 में तत्कालीन निदेशक (अन्वेषण एवं प्लानिंग) श्री डी. के. पांडे ने मेरे कहने पर विश्वविद्यालय के भूविज्ञान, भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान एवं गणित में टॉप करने वाले छात्रों को प्रतिवर्ष वजीफा दिलवाया था, कुछ इसी प्रकार से या फिर आधुनिक लैब/प्रयोगशाला का बजट की निदेशक महोदया से हम उम्मीद लगाए बैठे हैं।
डॉक्टर बिष्ट ने कहा कि, यह हमारी एक पहाड़ की बेटी का अपनी जन्मभूमि के लिए प्यार था कि, वह दिल्ली से चलकर खुद यहाँ तक मदद करने पहुंची है। मैं समझता हूँ कि, ऐसे लोगों का हमें बढ़ चढ़ कर सम्मान करना चाहिए न कि उनका जो चंद लच्छेदार भाषण देकर विश्वविद्यालय को चूना लगाने की फ़िराक़ में रहते हैं।