देहरादून 19 अक्टूबर। उत्तराखंड कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उत्तराखंड दौरे के दौरान पिथौरागढ़-लोहाघाट-चंपावत ट्रांसमिशन लाइन के लोकार्पण पर सवाल उठाया है, इस लाइन का प्रधानमंत्री ने 12 अक्तूबर को लोकार्पण किया था। कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने सनसनीखेज खुलासा करते हुए गुरुवार को बताया कि जिस लाइन का प्रधानमंत्री से लोकार्पण कराया गया दरअसल प्रोजेक्ट के तहत बनने वाले सब स्टेशन का कार्य अभी शुरू ही नहीं हो पाया है इसके लिए अभी टेंडर प्रक्रिया चल रही है।
दसौनी ने कहा कि बड़े गाजे बाजे के साथ उत्तराखंड देवभूमि में प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया गया। लेकिन ये कैसी विडंबना है कि उसी देवभूमि में प्रधानमंत्री की खिल्ली उड़ाई जा रही है , उन्होंने कहा कि लोकार्पण उस योजना का किया जाता है जो पूर्ण हो गई हो, और जनता को समर्पित कर दी गई हो, परंतु चंपावत पिथौरागढ़ ट्रांसमिशन लाइन की सच्चाई कुछ और ही बयां कर रही है ।
दसौनी ने बताया कि लोकार्पण के चार महीने पहले से ही इस लाइन पर 33 केवी की बिजली दौड़ाई जा रही है। जबकि यह लाइन 132 केवी की बनाई गई है। इतनी क्षमता की बिजली सप्लाई इसलिए नहीं हो पा रही है क्योंकि इस प्रोजेक्ट के तहत बनने वाले सब स्टेशन का कार्य ही नहीं शुरू हो पाया है। सब स्टेशन बनाने के लिए अभी टेंडर प्रक्रिया चल रही है। ऐसे में सवाल ये है कि आधे-अधूरे प्रोजेक्ट का पीएम मोदी से लोकार्पण क्यों करा दिया गया ?
दसौनी ने कहा कि यह अत्यंत गंभीर मामला है, प्रधानमंत्री की छवि को धूमिल करने वाला कुत्सित प्रयास है और इसमें जिन भी विभागीय अधिकारियों की संलिप्तता है उन पर कार्यवाही की जानी चाहिए और यदि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के संज्ञान में यह जानकारी पहले से थी तो उन्हें भी प्रधानमंत्री समेत उत्तराखंड की जनता से क्षमा याचना मांगनी चाहिए । <