जॉर्ज एवरेस्ट का जमीन आवंटन प्रदेश का सबसे बड़ा घोटाला : यशपाल आर्य

देहरादून १३ सितम्बर। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने जॉर्ज एवरेस्ट क्षेत्र में पर्यटन विभाग की जमीन सालाना किराए पर देने के मामले को भ्रष्टाचार करार दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार की सारी हदें पार कर दी हैं। जिस कंपनी को जॉर्ज एवरेस्ट का ठेका दिया गया, वह बाबा रामदेव की पतंजलि से संबंध रखती है। आर्य ने कहा कि अरबों रुपए के पर्यटन से जुड़े ठेके को हथियाने के लिए किए गए फर्जीवाड़े की पोल खुल गई है। उत्तराखंड टूरिज्म बोर्ड ने मसूरी में एडवेंचर टूरिज्म के लिए एक टेंडर निकाला। टेंडर हासिल करने वाले को 142 एकड़ में फैले स्पॉट, जिसमें म्यूजियम, ऑब्जर्वेटरी, कैफेटेरिया, स्पोर्ट्स एरिया, पार्किंग आदि सबके प्रबंधन का जिम्मा मिलना था। इस जमीन में से 142 एकड़ भूमि (762 बीघा या 2862 नाली या 5744566 वर्ग मीटर) को उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के उप कार्यकारी अधिकारी ने राजस एरो स्पोर्टस एंड एडवेंचर प्राइवेट लिमिटेड को केवल एक करोड़ रुपए सालाना किराए पर दे दिया। उन्होंने कहा कि मौके पर कंपनी ने 1000 बीघा जमीन कब्जाई है।

आर्य ने कहा कि महज एक करोड़ रुपए सालाना के शुल्क के साथ ही बालकृष्ण की कंपनी ने यह टेंडर हासिल कर लिया। कमाल की बात ये भी है कि टेंडर डालने वाली तीनों कंपनियों की मिलकियत बालकृष्ण के पास है। कब्जे वाले हिस्से का छोड़ भी दें तो इस 762 बीघा भूमि भूमि का सरकारी रेटों से मूल्य आज के समय करीब 2757 करोड़ है। जमीन का यह रेट सरकारी सर्किल रेट के अनुसार है। व्यवसायिक जमीन का वास्तविक बाजार मूल्य आम तौर पर इसके चार गुना और व्यवसायिक या पर्यटक स्थलों पर 10 गुना तक होता है। यानी ये जमीन 30 हजार करोड़ तक के मूल्य की हो सकती थी।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि टेंडर की सारी प्रक्रिया ही एक कंपनी को लाभ पंहुचाने के लिए की गई। तीनों कंपनियों के बुक ऑफ अकाउंट्स के एक ही कार्यालय के पते हैं। टेंडर डालने वाली इन तीनों पारिवारिक कपंनियों में से एक राजस ही सभी शर्तों को पूरा करती थी। टेंडर डालने वाली बाकी दो नई कम्पनियां कोई शर्तें पूरा नहीं करती थीं। ये दोनों कम्पनियां किसी न किसी रूप में राजस से जुड़ी थीं। आर्य ने कहा कि उत्तराखंड के युवा बेरोजगारी से तड़प रहे हैं। सरकार और अधिकारी यहां की जमीने कौड़ियों के भाव दे रहे हैं। ये राज्य की जनता के साथ बहुत बड़ा धोखा और राज्य के इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला है। उन्होंने संपूर्ण टेंडर आवंटन की सीबीआई या रिटायर्ड न्यायाधीश की अध्यक्षता में कमेटी से जांच की मांग की।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *