नैनीताल। नैनीताल हाई कोर्ट ने एलयूसीसी चिटफंड घोटाले में सीबीआई जांच के निर्देश दिए हैं। चिटफंड कंपनी एलयूसीसी ने स्थानीय एजेंटों के माध्यम से 800 करोड़ का घोटाला किया और उसके बाद से फरार है। बुधवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी नरेंद्र व न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ में सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से कहा गया कि जांच एजेंसी की ओर से जांच करने की अनुमति मिल चुकी है। सीबीआइ की ओर से जांच की स्वीकृति का पत्र भी कोर्ट में पेश किया गया, इस दौरान उत्तराखंड पुलिस की ओर से कहा गया कि अभी तक कई मामले दर्ज हो चुके है, अन्य की जांच चल रही है।
इस दौरान पुलिस का विरोध करते हुए 27 पीड़ितों की तरफ से कहा गया कि पुलिस ने अभी तक मुकदमा तक दर्ज नहीं किया, जब तक मुकदमा दर्ज नही होगा, डूबा हुआ पैसा वापस नहीं मिलेगा। जिसपर कोर्ट ने उनसे कहा कि प्रभावित लोग अपनी शिकायत, रकम देने का प्रमाण पत्र भी शिकायती पत्र के साथ संलग्न करें। देहरादून ऋषिकेश सहित कई पीड़ितों की तरफ से जनहित व एक अन्य याचिका दायर की गई थी ।जिसमे कहा गया कि इस मामले की सीबीआई से जांच कराई जाए।
ऋषिकेश निवासी आशुतोष व अन्य ने जनहित याचिका व अन्य की ओर से दायर याचिकाओं में कहा गया है कि एलयूसीसी नामक चिटफंड कंपनी ने 2021 में प्रदेश के कई जिलों के लोगो को कई तरह के लाभ देने के उद्देश्य से अपना ऑफिस देहरादून, ऋषिकेश सहित पौड़ी में खुलवाए। उसके बाद स्थानीय लोगो को अपना एजेंट नियुक्त किया।
एजेंटों ने अपने करीबियों को कंपनी में निवेश के लिए प्रेरित किया। लोगों ने सहानुभूति दिखाकर निवेश भी किया जबकि राज्य में कंपनी ने सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत अपना रजिस्ट्रेशन तक नही कराया। वर्ष 2023 -24 में यह कंपनी अपने ऑफिस बंद कर चली गयी। निवेशकों की शिकायत पर प्रदेश में 14 वे अन्य राज्यों में इस कंपनी के विरुद्ध 56 मुकदमे दर्ज हुए लेकिन पता चला कि मुख्य आरोपित दुबई भाग गया है। अब निवेशक एजेंटों को परेशान कर रहे है। पुलिस भी परेशान कर रही है।