देहरादून 18 दिसंबर । ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में संम्पन्न हुए विधानसभा सत्र में पारित समान नागरिक संहिता संशोधन विधेयक को लोक भवन (राज्यपाल )ने वापस लौटा दिया है। विधेयक की धारा-चार में निर्धरित आयु से कम में विवाह पर सजा के प्रविधान का दो बार उल्लेख किए जाने पर लोकभवन ने आपत्ति जताई है।
इससे पहले उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता एवं विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम में संशोधन विधेयक को लिपिकीय त्रुटियों के कारण लोक भवन ने वापस लौटाया था। सूत्रों के अनुसार अधिनियम में किए गए सख्त प्रविधानों को लागू करने में देरी न हो, इसके दृष्टिगत सरकार अध्यादेश लाने जा रही है। धर्मस्व विभाग इसकी तैयारी में जुटा है।
समान नागरिक संहिता संशोधन विधेयक की धारा-चार के खंड तीन में पुरानी सजा के रहते हुए नई सजा का भी उल्लेख किया गया है। इससे गफलत की स्थिति हो रही है। लोक भवन से लौटे इस विधेयक को गृह विभाग को भी भेजा गया है। सूत्रों के अनुसार विधेयक की धारा चार के खंड तीन में सजा का जो प्रविधान किया है, वह चाइल्ड मैरिज एक्ट से टकरा रहा था। विधेयक में इस एक्ट का उल्लेख तो हटा दिया गया, लेकिन इससे संबंधित सजा का उल्लेख इसमें रह गया था। माना जा रहा है कि इस सिलसिले में भी सरकार अध्यादेश ला सकती है।