जगमोहन पटवाल
बीरोंखाल/कुलांटेश्वर 31 दिसंबर। गढ़वाल – कुमाऊं बॉर्डर पर स्थित माता कालिंका मंदिर में नए बर्ष के अवसर पर हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है। इसके लिए मंदिर को भव्य रूप से सजाया गया है। मंदिर कमेटी ने इसके लिए सभी पूर्व तैयारियां कर ली हैं। दूर दूर से मंदिर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के लिए मंदिर परिसर में ही भंडारे व प्रसाद वितरण की उचित व्यवस्था की गई है। मंदिर को फूलों व जग-मगाती रोशनी से सजाया गया है।
जबरदस्त भीड़ के मध्यनजर स्थानीय दुकानदारों व परिवहन सेवा से जुड़े कारोबारियों में भी उत्साह का माहौल है । दोनों ज़िलों का दूरस्त व बॉर्डर इलाका होने व पूर्ण विकास न होने व कच्ची व जोखिम भरे मार्ग होने के बावजूद भी लोग बहुत दूर दूर से टैक्सी बुक कर यहाँ पहुंचते हैं और माँ भगवती का आशिर्वाद प्राप्त करते हैं।
धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से अभी भी यहाँ पर काफी मूलभूत सुविधाओं का आभाव है। बीरोंखाल की ओर से आने वाले टैक्सी चालकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, रोड़ की स्थिति काफी खराब होने के कारण उनकी गाड़ियों की मैंटिनेंस का खर्चा काफी अधिक बढ़ जाता है और इसका सीधा असर जनता की जेब पर पड़ता है। दूसरी तरफ कुमाऊं से आने वाले श्रद्धालुओं को भी लगभग 3 किलोमीटर उबड़ खाबड़ कच्ची सड़क से ही मंदिर पहुंचना होता है।