देहरादून। भारत में 4 जून से 8 जून के मध्य आकाश मंडल में पांच ग्रह एक साथ एक रेखा पर दिखाई देंगे, सूर्य अस्त के तुरंत बाद सूर्य चंद्र बृहस्पति शुक्र और बुध एक साथ एक ही राशि में एक रेखा पर दिखाई देंगे, जो एक बड़ी खगोलीय घटना है। भारतीय ज्योतिष परंपरा के अनुसार यह घटना वृषभ राशि में घटित हो रही है। इसी समय बृहस्पति शुक्र और बुध ग्रहो के बीच गृह युद्ध की स्तिथि बनेगी।
आचार्य वराह मीर के अनुसार वृहद संहिता के 17वें अध्याय गृह युद्ध में ग्रहों के एक साथ आने पर प्रकाश डाला है उनके अनुसार यदि ग्रहो के बिम्बो का अंतर एक अंश से कम हो तो ऐसी युति को”अपसव्य” कहते हैं। उनके अनुसार बुध और बृहस्पति और पौर संज्ञा होते हैं तथा चंद्र और सूर्य “आक्रांत” संज्ञा व शुक्र या” यायी” संज्ञा संगत होते हैं। इस ग्रह युद्ध में और संगणक ग्रह पराजित हो रहे हैं क्योंकि शुक्र एक तो अपनी मूल त्रिकोण राशि में गोचर कर रहे हैं दूसरा वह दक्षिणास्ट हैं और शुक्र बिम्बमान अन्य ग्रहों से अधिक है।
आचार्य वराह मिहिर के अनुसार इस स्थिति पर हिमालय क्षेत्र में गंगा के क्षेत्र, व सिंध प्रांत के क्षेत्र में जनहानि होने के योग होते हैं,। आज के संदर्भ में देखें तो हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, जम्मू कश्मीर, उत्तर प्रदेश के प्रयागराज कौशांबी कन्नौज का क्षेत्र, पाकिस्तान का रावलपिंडी पेशावर, लाहौर व अफगानिस्तान के कुछ क्षेत्रों में जनहानि होने के प्रबल योग निकट भविष्य में बनेंगे। पौर ग्रहों की युति से आम नागरिकों में परस्पर विवाद मतभेद हो सकते हैं। इसके अलावा बड़े देशों के राष्ट्रीय अध्यक्षों को पीड़ा वह बड़ी हानि उठानी पड़ सकती है। कुछ देशों में आपसी मतभेद बढ़ सकते हैं व युद्ध की स्थिति भी पैदा हो सकती है। भारत के संदर्भ में देखें तो किसी बड़े दल या किसी बड़े व्यापार घराने में फूट पड़ने के प्रबल योग हैं, वह कुछ प्रदेशों में सत्ता परिवर्तन के भी योग हैं। रंगमंच चित्रकार फैशन वास सिनेमा से जुड़े उद्योगों को लाभ प्राप्त होगा वह समझ में भोग और विलसता अधिक बढ़ेगी।