सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटिशन दायर करके भाजपा ने दिखाया अपना असली चेहरा :- सूर्यकांत धस्माना

देहरादून 24 अक्टूबर 2024।                         उत्तराखंड उच्च न्यायालय द्वारा छह वर्ष पूर्व जब एक जनहित याचिका पर फैसला सुनाते हुए प्रदेश सरकार को उपनल कर्मचारियों को नियमित करने का आदेश जारी किया था, उसी समय राज्य की भाजपा सरकार को इस मसले पर कर्मचारियों के हित में नीति बनाकर उनको समायोजित करना चाहिए था, किंतु सरकार उस आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय चली गई और अब सरकार की एसएलपी सुप्रीम कोर्ट में खारिज हो गई, तो एक बार फिर उत्तराखंड की भाजपा सरकार कर्मचारियों के खिलाफ रिव्यू पिटिशन दाखिल करने जा रही है, जो भारतीय जनता पार्टी का कर्मचारी विरोधी असली चेहरा बेनकाब कर रही है ।

यह बात आज उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने अपने कैंप कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि, राज्य भर में बाईस हजार से अधिक उपनल कर्मचारी हैं और इनमें से अधिकांश को दस से लेकर बीस वर्ष तक का समय उपनल कर्मचारी के रूप में सेवा योगदान करते हुए हो गया है और नियमित होने की प्रत्याशा में इतना लंबा समय सेवा योगदान करते रहने के बाद भी अगर सरकार उनको नियमित करने में बाधा डाल रही है तो, इससे सरकार और भाजपा की नियत का साफ पता चल रहा है। धस्माना ने कहा कि, आज राज्य के अधिकांश विभाग उपनल कर्मचारियों के भरोसे ही चल रहे हैं, लेकिन नियमित कर्मचारियों के वेतन से आधे से भी कम पर काम करने वाले इन कर्मचारियों के प्रति सरकार व सत्ताधारी भाजपा का रुख अफसोसनाक व निंदनीय है।

धस्माना ने कहा कि, 2021 में जब उपनल कर्मचारियों का नियमितीकरण का आंदोलन अपने चरम पर था, तब भाजपा सरकार के दो मंत्रियों ने धरना स्थल पर पहुंच कर कर्मचारी नेताओं को झूठा आश्वाशन दे कर और कर्मचारियों को गुमराह कर आंदोलन समाप्त करवा दिया और आज जब सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की एसएलपी खारिज की है और जिसके कारण उच्च न्यायालय का वर्ष २०१९ का आदेश प्रभावी हो जाता है, तब वे मंत्री खामोश बैठे हैं, जिनको कर्मचारियों की तरफ से मुख्यमंत्री के दरबार में पैरवी करनी चाहिए और सरकार को रिव्यू पिटिशन दाखिल करने से रोकना चाहिए किंतु उनके अंदर इतना साहस नहीं है कि, वे कर्मचारियों का पक्ष के सकें। धस्माना ने कहा कि, कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से कर्मचारियों के साथ खड़ी है और इस संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से शीघ्र मिलकर कर्मचारियों के समर्थन में मिलेंगे और उनसे रिव्यू पिटिशन दाखिल नहीं करने और उच्च न्यायालय नैनीताल के फैसले के अनुरूप कर्मचारियों को नियमित करने की मांग करेंगे।

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