देहरादूनः 6 नवंबर। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के श्री केदारनाथ धाम में दर्शन के दौरान सुनियोजित ढंग से नारेबाजी को भाजपा की कुंठित और विकृत मानसिकता करार दिया। माहरा ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि अपनी निजी धार्मिक यात्रा पर उत्तराखण्ड आए कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के केदारनाथ दर्शन के दौरान सुनियोजित ढंग से जिस प्रकार नारेबाजी करवाई गई वह सनातन धर्म में किसी भी स्थिति में उचित नहीं ठहराई जा सकती है।
उन्होंने कहा कि यह वही राहुल गांधी हैं जिन्होंने केदारनाथ आपदा के बाद पैदल यात्रा कर पूरे विश्व को संदेश देने का काम किया था कि श्री केदारनाथ सहित चारों धामों की यात्रा पूरी तरह सुरक्षित है। उस समय भाजपा के झंडावरदार दुनियांभर में गाते फिर रहे थे कि चारधाम यात्रा सुरक्षित नहीं है। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी आज अपने आप को भगवान श्री केदारनाथ एवं श्री बद्रीनाथ से बड़ा बताने की चेष्टा कर रहे हैं, जो उनकी तुच्छ, निकृष्ठ एवं कुत्सित मानसिकता का परिचायक है। उन्होंने कहा कि चारों धामों में सदियों से चली आ रही परंपराओं का जिस प्रकार भाजपा नेता क्षरण कर रहे हैं उसे सनातन धर्म में कतई उचित नहीं ठहराया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं उत्तराखंड पहुंचे स्वयंभू बागेश्वर बाबा उर्फ धीरेंद्र शास्त्री ने श्री केदारनाथ लिंग के गृभ ग्रह में फोटो सूट करवाया, उससे उन्होंने हिन्दू धर्म एवं हिन्दुओं की आस्था के साथ न केवल खिलवाड किया गया बल्कि सदियों से चली आ रही परम्पराओं एवं मन्दिर समिति के नियमों का भी खुला उलंघन किया है जिसके लिए बाबा केदारनाथ उन्हें कभी क्षमा नहीं करेंगे।
एक अन्य बयान में माहरा ने कहा कि धीरेन्द्र शास्त्री उर्फ बागेश्वर बाबा के देहरादून में लगाए गए दरबार में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मौजूदगी में सनातनियों से सिर पर कफन बांधकर निकलने वाले भडकाऊ बयान के बाद विवाद शांत भी नहीं हुआ था कि अपने तमाम अनुयायियों के साथ बाबा केदार के दर्शन करने पहुंचे धीरेंद्र शास्त्री के कई फोटो केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में फोटो सूट करवाने से एक और विवाद ने जन्म लिया है, कि क्या नियम कानून सिर्फ आम लोगों के लिए हैं? भाजपा के नेताओं और सरकार के चहेते लोगों के लिए क्या धर्म के भी अलग नियम है? क्या नरेन्द्र मोदी और धीरेन्द्र शास्त्री बाबा केदार से बड़े हो गये हैं जो उन पर नियम लागू नहीं होते हैं? राज्य की धामी सरकार को इसका जवाब देश और प्रदेश की जनता को देना चाहिए। उन्होंने कहा कि पहले नरेन्द्र मोदी और अब धीरेन्द्र शास्त्री के गृभग्रह वाले फोटो से दुनियाभर के हिन्दुओं की आस्था को भी गहरी चोट पहुंची है जिसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और धीरेन्द्र शास्त्री को देश के हिन्दुओं से सार्वजनिक रूप से मॉफी मांगनी चाहिए।
माहरा ने कहा कि दरसल भाजपा के शीर्ष नेता समय-समय पर हिन्दुओं की आस्था से खिलवाड़ कर हिन्दू धर्म का जानबूझ कर अपमान करते आये हैं तथा लोगों की धार्मिक भावनायें भड़का कर अपना राजनैतिक उल्लू सीधा करने का काम करते रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जहां एक ओर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बार-बार उत्तराखण्ड के धार्मिक स्थलों पर आकर ढोंग के सिवा कुछ नहीं किया है वहीं भाजपा की राज्य सरकार की नाक के नीचे उसके नेताओं ने बाबा केदार के मन्दिर से सोने की चोरी कर साबित कर दिया है कि उन्हें हिन्दुओं या हिन्दू धर्म से कोई सरोकार नहीं है वे केवल हिन्दू धर्म का वोट बैंक के रूप में उपयोग करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश की धामी सरकार प्रदेश और देश की जनता को यह नहीं बता पाई है कि आखिर मन्दिर से कितने सोने की चोरी हुई और सोने की चोरी करने वालों के खिलाफ सरकार ने क्या कार्रवाई की।
प्रदेश कंाग्रेस उपाध्यक्ष संगठन मथुरादत्त जोशी ने भी राहुल गांधी जी के केदारनाथ दर्शन के दौरान की गई नारेबाजी की कडे शब्दों में निन्दा करते हुए कहा कि श्री केदारनाथ जैसे पवित्र धार्मिक स्थल पर इस प्रकार की कुत्सित और घृणित मानसिकता का परिचय देना उत्तराखण्ड और देवभूमि की संस्कृति के खिलाफ है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मंदिर के गृभग्रह में फोटो सूट पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और धीरेन्द्र शास्त्री को हिन्दू धर्मावलम्बियों और देवभूमि की जनता से मॉफी मांगनी चाहिए।