नितेश बौड़ाई ज्योतिर्विद
भाद्रपद पूर्णिमा रविवार 7 सितंबर 2025 के मध्य रात्रि को संपूर्ण भारत में चंद्र ग्रहण खग्रास रूप दिखाई देगा। खग्रास चंद्र ग्रहण का अर्थ है संपूर्ण चंद्र ग्रहण खग्रास शब्द का प्रयोग विशेष रूप से भारतीय ज्योतिष और खगोल विज्ञान में किया जाता है। ग्रहण रात्रि 9:57 पर शुरू होगा ग्रहण का मध्य 11:42 तथा ग्रहण की समाप्ति रात्रि 1:27 पर होगी ग्रहण की कुल अवधि साढे तीन घटे की होगी।
यह ग्रहण भारत तथा संपूर्ण एशिया में प्रारंभ से समाप्ति तक दिखाई देगा। इस ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले शुरू होगा जो 7 दिसंबर 2025 को दोपहर 12:57 पर प्रारंभ होगा। भारतीय पंचांग के अनुसार यह ग्रहण भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि ,कुंभ राशि शतभिषा नक्षत्र पर घटित होगा
आचार्य वाराह मिहिर के अनुसार यदि ग्रहण भाद्रपद मास में हो तो पर्वतीय प्रदेशों में रहने वाले लोगों विशिष्ट व्यक्तियों के परिवार जनों तथा बोझा उठाने वाले मजदूरो, महिलाओं को पीड़ा तथा उनके गर्भ का नाश व पति पत्नियों में परस्पर प्रेम की कमी होती है। सोना, चांदी, सरसों तेल ,मूंगफली , घीआदि तथा क्रूड ऑयल महंगे हो सकते हैं। पाकिस्तान के सिंध प्रान्त तथा अफगानिस्तान के दक्षिण प्रान्तों के क्षेत्रो में तनाव उत्पन्न हो सकता है।
नारद संहिता में नारद जी ने कहा है:
पशुसस्यद्विजातीनां वृद्धि ब्रधि च पर्वणि ॥
उनके अनुसार या ग्रहण के स्वामी ब्रह्मा है उन ग्रहण में पशुओं की हो कृषि की उन्नति, ब्राह्मणों एवं बुद्धि जीवियों को सुख तथा सफलता प्राप्त होती हैं।इस ग्रहण के प्रभाव में पर्वतीय या ऊँचे में रहने वाले लोगों, ओडिशा ,बंगाल बिहार आदि राज्यों में जातीय या धार्मिक तनाव की घटनाएं हो सकती है। कुम्भ राशि में ग्रहण हो तो भूकम्प तथा दैविक आपदाओं आदि आने की प्रबल सम्भावनाए अधिक होती है।
21 सितम्बर 2025 को खण्डग्रास सूर्यग्रहण घटित होगा जो भारत में दिखाई नहीं देगा । यह सूर्य ग्रहण आश्विन अमावस को भारतीय समय अनुसार रात्रि 10.50 में 3.22 मिनट तक दिखाई देगा। ग्रहण केवल आस्ट्रेलिया, दक्षिण अन्टार्क भूजी-लैण्ड आदि देशों में ही दिखाई देगा।
यह ग्रहण भारतीय पांचाग अनुसार कन्या राशि, उत्तरफाल्गुनी नक्षत्र में घटित होगा।
इन ग्रह्मणों के प्रभाव में एशिया महाद्वीप में भूकम्प आने के प्रबल योग हैं। किस बडे विद्वान, लेखक, गायकों को प्राण हानि के योग है। भारत के कुछ प्रदेशो में राजनीतिक उथल-पुथल के योग हैं तथा कुछ प्रान्तों हिंसक एवं सांप्रदायिक घटनाएं बढ़ सकती हैं। चिकित्सा क्षेत्र से जुडें लोगों को कष्ट हो सकता है। साम्प्रदायिक घटनाए के योग है।