शीतकाल के लिए बंद हुए गंगोत्री धाम के कपाट

उत्तरकाशी 22 अक्टूबर। बुधवार सुबह 11.30 बजे गंगोत्री धाम के कपाट शीतकालीन के लिए बंद कर दिए गए हैं। कपाट बंद होने पर धाम मां गंगा के जयकारों से गूंज उठा। मां गंगा के स्वागत के लिए मुखबा भी तैयार है। मंदिर को भव्य रूप से सजा दिया गया है। कपाट बंद होने के बाद अब यहीं मां गंगा के दर्शन होंगे।

कल यानि गुरुवार को भैयादूज के अवसर पर यमुनोत्री में मां यमुना मंदिर के कपाट भी 12.30 बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। इसके बाद मां यमुना की उत्सव मूर्ति के दर्शन खरसाली गांव में होंगे। कार्तिक माह की अन्नकूट (गोवर्धन पूजा) के दिन मां गंगा की उत्सव डोली अपने शीतकालीन प्रवास मुखबा गांव के लिए रवाना होगी। यात्रा से जुड़े कारोबारी आशीष सेमवाल, विनय उनियाल ने बताया कि सर्दियों में भी यमुना व गंगा के शीतकालीन पड़ाव वाले खरसाली और मुखबा गांव तक यात्रा चालू रखकर देश-विदेश के तीर्थयात्रियों को यहां आकर्षित किया जा सकता है। उस दौरान तीर्थयात्री व पर्यटक यमुना और गंगा की पूजा-अर्चना करने के साथ ही बर्फबारी का नजारा भी देख सकेंगे।

इस यात्राकाल में दोनों धामों में 1402128 तीर्थयात्रियों का आगमन हुआ है। जिनमें यमुनोत्री धाम में आने वाले 644366 और गंगोत्री धाम में आने वाले 757762 तीर्थयात्री शामिल हैं।21 अप्रैल तक चारधाम में दर्शन करने वाले कुल श्रद्धालुओं की संख्या 49.30 लाख से अधिक हो चुकी है। वहीं, अब तीनों धामों के कपाट बंद होने तक यह आंकड़ा 50 लाख पार हो जाएगा।

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