चारधाम यात्रा में आने वाले यात्रियों की संख्या पर भ्रम की स्थिति फैला रही है सरकार : सूर्यकांत धस्माना

पिछले पांच वर्षों में सड़क दुर्घटनाओं में मरने वालों की संख्या हजार प्रति वर्ष, इस वर्ष की पहली तिमाही में ही 275 लोग गंवा चुके जान-

देहरादून: उत्तराखंड की धामी सरकार आगामी चारधाम यात्रा पर भ्रम की स्थिति में है, सरकार एक तरफ यात्रियों का ऑनलाइन व ऑफलाइन पंजीकरण की बात कर रही है तो दूसरी तरफ सरकार कह रही है कि जितने भी यात्री आएंगे चाहे वे पंजीकृत हों या गैर पंजीकृत सभी को यात्रा की अनुमति दी जाएगी, जिससे यात्रा में भरी अव्यवस्था फैलने की आशंका हो गई है। यह बात रविवार को उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगठन व प्रशासन सूर्यकांत धस्माना ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में कही।

धस्माना ने कहा कि यात्रा शुरू होने में मात्र दस दिन रह गए हैं लेकिन सरकार के पास केवल बड़े बड़े दावों का पिटारा है लेकिन यात्रा को निर्विघ्न पूरी करवाने की ठोस योजना व व्यवस्था का अभाव है इसका सबसे बड़ा प्रमाण यह है कि सरकार के पर्यटन व तीर्थाटन मंत्री को आईआईएम रोहतक की उस रिपोर्ट की जानकारी हो नहीं है जिसमें यात्रा वाले शहरों की भार वहन क्षमता का विश्लेषण व ब्यौरा है और राज्य की मुख्य सचिव इस रिपोर्ट के आधार पर यात्रा से संबंधित अधिकारियों व जिलाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर चुके हैं।

धस्माना ने कहा कि सरकार के मंत्री के द्वारा असीमित यात्रियों को निमंत्रण देने से यात्रा में भीड़ प्रबंधन फेल होने की संभावना है, जैसा पिछले साल देखा गया, जब भीड़ ने अनेक स्थानों पर पुलिस के बैरिकेडिंग उखाड़ कर फैंक दिए । धस्माना ने कहा कि चारधाम यात्रा करोड़ों सनातनियों की आस्था विश्वाश के साथ साथ उत्तराखंड की लाइफ लाइन है, जिससे लाखों लोगों की रोटी रोज़ी जुड़ी है इसलिए यात्रा की सफलता व निर्विघ्न संपन्न होना आवश्यक है।

उन्होने धस्माना ने कहा कि यात्रा में आने वाले यात्रियों की सुरक्षा , स्वास्थ्य, रहने भोजन व सबसे महत्वपूर्ण जिस उद्देश्य से यात्री आते हैं दर्शन की उचित व्यवस्था सरकार की जिम्मेदारी है। श्री धस्माना ने कहा कि पिछले आठ वर्षों का यह अनुभव रहा है कि सरकार दावे बड़े बड़े करती है किन्तु व्यवस्थाओं में हमेशा फिसड्डी साबित होती है और उसका सबसे बड़ा उदाहरण पिछले वर्ष केदार घाटी में 30 जुलाई को आई आपदा है जिससे पूरी यात्रा प्रभावित हुई और यात्रा समाप्त होने तक सामान्य स्थिति बहाल नहीं हो पाई। यमुनोत्री व बद्रीनाथ रूट में भी पिछले वर्ष यात्रा बाधित रही।

धस्माना ने कहा कि सड़क सुरक्षा के मामले में भी सरकार की तैयारी लचर है और पिछले पांच वर्षों में औसतन हर साल सड़क दुर्घटनाओं में एक हजार लोगों की मौत सड़क दुर्घटनाओं में हुई और डेढ़ हजार लोग हर साल घायल हुए। श्री धस्माना ने कहा कि इस वर्ष पहली तिमाही खत्म होने से पहले ही सड़क दुर्घटनाओं में राज्य में 275 लोग मौत के मुंह में समा गए हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य की सरकार को अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए राज्य में आने वाले चार धाम यात्रियों की सुरक्षा, स्वास्थ्य, रहने, भोजन व दर्शन की समुचित व्यवस्था करनी चाहिए और हर हाल में यात्रा रूटों व शहरों की भार वहन क्षमता का पालन सख्ती से करना चाहिए।प्रेस वार्ता में प्रदेश प्रवक्ता डॉक्टर प्रतिमा सिंह,प्रदेश अध्यक्ष के मीडिया सलाहकार सरदार अमरजीत सिंह व श्रम प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश कौशल उपस्थित रहे।

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