केदारनाथ यात्रा से महिला समूह बने आत्मनिर्भर

महिला स्वयं सहायता समूहों ने किया 13 लाख तक का व्यवसाय, वोकल फॉर लोकल को मिला बढ़ावा

दिलवर सिंह बिष्ट
रुद्रप्रयाग। उत्तराखंड की प्रमुख धार्मिक यात्राओं में से एक श्री केदारनाथ धाम यात्रा न केवल धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है, बल्कि यह यात्रा स्थानीय ग्रामीण अर्थव्यवस्था और आजीविका का भी प्रमुख साधन बन चुकी है। लाखों श्रद्धालु प्रतिवर्ष दर्शन हेतु आने के साथ ही स्थानीय उत्पादों की मांग बढ़ाते हैं, जिससे स्थानीय महिला स्वयं सहायता समूहों को स्वरोजगार के अनेक अवसर प्राप्त हो रहे हैं।

इस वर्ष भी जनपद रुद्रप्रयाग की महिला स्वयं सहायता समूहों ने अपनी मेहनत, लगन और आत्मविश्वास से आजीविका के नए आयाम स्थापित किए हैं। केदारनाथ यात्रा क्षेत्र में संचालित गंगा दुग्ध उत्पादक स्वयं सहायता समूह (मेदनपुर), चंडिका समूह, जय नागराजा समूह, मठियाणा समूह, बिनसर स्वयं सहायता समूह एवं गंगेया स्वयं सहायता समूह की लगभग 50 से अधिक महिलाओं ने मिलकर 13 लाख रुपये तक का व्यवसाय किया।

महिलाओं द्वारा मुख्य रूप से चौलाई लड्डू, धूपबत्ती एवं बेलपत्री उत्पादों का निर्माण और विक्रय किया गया। साथ ही, आधुनिक तकनीक और डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हुए ऑनलाइन माध्यम से भी लगभग 03 लाख रुपये का प्रसाद विक्रय किया गया।यह पहल “वोकल फॉर लोकल” अभियान को सशक्त करने के साथ ही महिलाओं की आर्थिक आत्मनिर्भरता की दिशा में एक प्रेरणादायी कदम साबित हुई है।

मुख्य विकास अधिकारी रुद्रप्रयाग राजेन्द्र सिंह रावत ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा महिला समूहों को आजीविका से जोड़ने के लिए निरंतर विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आगामी केदारनाथ यात्रा सत्र में और अधिक महिला स्वयं सहायता समूहों को इस अभियान से जोड़ा जाएगा ताकि उन्हें आत्मनिर्भर और सशक्त बनाया जा सके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *