ग्लासगो, यूके, 26 अक्तूबर। ब्रिटेन और स्कॉटलैंड की जानी मानी कारोबारी पूनम गुप्ता ने ओवरसीज़ फ्रेंड्स ऑफ़ बीजेपी (ओएफबीजेपी) यूके के कुछ हिस्सों में फैले “ज़हरीले व महिला विरोधी व्यवहार व झूठे प्रचार” की निंदा की है। उन्होंने अपने एक साथी सदस्य सुशील, अध्यक्ष कुलदीप सिंह शेखावत, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सभी समर्थकों के प्रति पूरा समर्थन व्यक्त करते हुए कहा, “ काफी समय से कुछ साजिशें चल रही हैं, जिन पर बोलना अब जरुरी हो गया है। अब किसी न किसी को तो यह साहस दिखाना ही था।”
उन्होंने आगे कहा —कि “बहुत लंबे समय तक, हममें से कई लोगों ने शालीनता के चलते चुप्पी साधे रखी, यह सोचकर कि कर्म ही न्याय दिलाएगा। लेकिन चुप्पी को कभी कमज़ोरी न समझा जाए। अब समय है सच बोलने का।” डॉ. पूनम गुप्ता ने संगठन से अपने लंबे संबंधों को याद करते हुए बताया कि उनका OFBJP से जुड़ाव 2021 से है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्कॉटलैंड आए थे। उस समय उन्होंने अपनी टीम और अपने पति के साथ कुलदीप जी शेखावत के नेतृत्व में अथक मेहनत की ताकि प्रधानमंत्री का स्वागत गरिमामय तरीके से हो। उन्होंने दावा किया कि उनके इन प्रयासों के बावजूद OFBJP यूके (लंदन) से एक भी सदस्य उस आयोजन में सहयोग देने आगे नहीं आया।
पूनम गुप्ता का दावा है कि कार्यक्रम की सफलता के बाद, ध्रुव कुमार और सुरेश उनके घर आए थे, जहाँ उनका आदरपूर्वक स्वागत किया गया। लेकिन स्थिति तब तनावपूर्ण हुई जब ध्रुव कुमार ने OFBJP स्कॉटलैंड की कोर कमिटी में शामिल होने की इच्छा जताई, जिसे टीम ने अस्वीकार कर दिया। पूनम गुप्ता ने कहा, “अगर वे सच में समुदाय की सेवा करना चाहते, तो कोर टीम के बाहर से भी सहयोग दे सकते थे, जैसा कि कई लोग करते हैं। लेकिन उनका उद्देश्य कुछ और था।”
डॉ. गुप्ता ने खुलासा किया कि इसके बाद जल्द ही उनके कंपनी की स्वामित्व संरचना (ownership) को फर्जी हस्ताक्षरों के ज़रिए बदलने की कोशिश की गई — जिसे उन्होंने तुरंत पुलिस और इनलैंड रेवेन्यू सर्विसेज़ (Inland Revenue Services) को रिपोर्ट किया। उन्होंने बताया कि यह प्रयास उनके पति की छवि को खराब करने के लिए किया गया था, जिसमें कंपनी के स्वामित्व को उनके नाम पर ट्रांसफर दिखाने की कोशिश की गई, जबकि उनके पति को इसकी कोई जानकारी नहीं थी।
महिला विरोधी व्यवहार (misogyny) पर बात करते हुए डॉ. गुप्ता ने कहा कि उन्हें लगातार यह पूछकर अपमानित किया गया कि “उन्हें स्कॉटलैंड की कन्वीनर बनने का क्या हक़ है,” मानों उनकी क्षमता उनके काम से नहीं बल्कि उनके लिंग (gender) से तय होती हो।उन्होंने आगे आरोप लगाया कि जनवरी 2023 में बीबीसी के खिलाफ़ ग्लासगो में हुए एक विरोध प्रदर्शन के दौरान कुछ लोगों ने सार्वजनिक रुप से उनका अपमान किया — जिसकी शिकायत उन्होंने नेतृत्व को दी थी।
2024 में, डॉ. गुप्ता ने बताया कि वह एक बदनामी अभियान (smear campaign) का निशाना बनीं, जब उनके और उनके परिवार के ख़िलाफ़ मानहानिकारक और झूठे आरोपों वाले लेख ऑनलाइन प्रसारित किए गए। हालांकि वह ब्लॉग पोस्ट 24 घंटे के भीतर हटा दी गई, लेकिन उसी समूह ने उन लेखों के स्क्रीनशॉट्स को 160 से अधिक लोगों, जिनमें स्कॉटिश संसद के सदस्य और भारत के विदेश मंत्रालय के अधिकारी शामिल थे, को भेज दिया। और ये सब ठीक उनके स्कॉटिश संसद में भाषण देने से कुछ मिनट पहले किया गया। उन्होंने कहा, “यह मुझे अपमानित और बदनाम करने की एक सुनियोजित और समन्वित कोशिश थी।”
डॉ. गुप्ता ने आगे दर्शन ग्रेवाल पर भी आरोप लगाया कि उन्होंने उनके और उनके पति के खिलाफ़ नई झूठी बातें फैलाईं और व्हाट्सऐप संदेशों के ज़रिए मानहानिकारक बातें साझा कीं। उन्होंने कहा, “मैंने खुद इन लोगों की रणनीति झेली है, और मैं जानती हूं कि ये लोग कुछ भी कर सकते हैं।”
गौरतलब है कि ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ बीजेपी (OFBJP) भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से जुड़े विभिन्न स्वैच्छिक संगठनों का एक नेटवर्क है, जो विदेशों में संचालित होता है। यह विदेशों में रहने वाले भारतीय प्रवासियों के बीच पार्टी के उद्देश्यों और नीतियों को बढ़ावा देता है। OFBJP की इकाइयाँ ब्रिटेन, कनाडा और इज़राइल सहित 25 से अधिक देशों में मौजूद हैं। लेकिन, ब्रिटेन और स्कॉटलैंड के OFBJP में मचे घमासान से साफ है कि इन संगठनों का कुछ लोग निजी फायदा उठाना चाहते हैं। पूनम गुप्ता कहती हैं, “अब तक मुझे रोकने वाली एक ही चीज़ थी — हमारे समुदाय के प्रति मेरा गहरा सम्मान और यह इच्छा कि विदेश की ज़मीन पर भारतीय एक-दूसरे के खिलाफ़ न दिखें। लेकिन यह स्पष्ट कर दूं — अगर यह उत्पीड़न जारी रहा, तो मैं कार्रवाई करने में तनिक भी देर नहीं करूंगी।”
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