देहरादून 04 सितम्बर। देहरादून के आईएसबीटी परिसर में किशोरी के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले में देहरादून पुलिस ने पांचों आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। कोर्ट में दर्ज चार्जशीट में 35 गवाह बनाए गए हैं। इसके साथ ही विवेचना में तथ्यों के आधार पर साक्ष्य छिपाने की धारा भी मुकदमे में बढ़ाई गई है। कोर्ट जल्द ही आरोपियों के खिलाफ सुनवाई करेगा ।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने चार्जशीट के बारे में पत्रकारों को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 12 अगस्त को उत्तराखंड रोडवेज की अनुबंधित बस का ड्राइवर किशोरी को दिल्ली के आईएसबीटी से देहरादून लाया था। यहां उसने किशोरी के साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद उसने अपने चार साथियों को भी बुला लिया और जिन्होंने बारी-बारी से दुष्कर्म किया।
जिसके बाद पीड़िता को बाल कल्याण समिति ने अपने संरक्षण में ले लिया था, वहां नाबालिक की काउंसलिंग की गई। काउंसलिंग के बाद पता चला कि उसके साथ दुष्कर्म भी हुआ है। इसके बाद पुलिस ने बाल कल्याण समिति की शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया। प्राथमिक जांच के बाद ही आरोपी बस चालक से पूछताछ की गई तो उसने अन्य चारों के नाम भी बता दिए। पुलिस ने रोडवेज के अनुबंधित बस ड्राइवर धर्मेंद्र कुमार, रवि कुमार, रोडवेज के ड्राइवर राजपाल, कंडक्टर देवेंद्र और कैशियर का काम कर रहे कंडक्टर राजेश कुमार सोनकर को गिरफ्तार किया गया था। इसकी जांच के लिए एसपी सिटी प्रमोद कुमार के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया।
एसआईटी ने मुकदमे में बारीकी से विवेचना की। सभी साक्ष्य एकत्र किए गए। आरोपियों को पुलिस कस्टडी रिमांड में लेकर भी पूछताछ की गई। उनकी निशानदेही पर कंबल व अन्य कपड़े भी बरामद कर लिए गए। करीब 20 दिन की विवेचना के बाद पुलिस ने बुधवार को इस मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी है। चार्जशीट में कुल 35 गवाह बनाए गए हैं। इनमें दो गवाहों, पीड़िता और एक चश्मदीद गवाह के मजिस्ट्रेट के सामने बयान भी कराए गए हैं।