गुलदार के हमले में घायल बच्चे के साथ रैफ़र-रैफ़र का गेम

घायल जसप्रीत के रात में एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल ले जाया गया आखिरकार चौथे अस्पताल में इलाज शरू हुआ

श्रीनगर : बुधवार देर शाम हिंडोलाखाल के पास गोसिल गांव निवासी सुशील दास के दस साल का बेटा जसप्रीत घर के पास ही बकरियों के साथ खेल रहा था। तभी गुलदार ने बच्चे पर हमला कर दिया। हमले में बच्चा बुरी तरह घायल हो गया जिसे देहरादून के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना के समय जसप्रीत की बहन रुचिका भी पास में ही घास काट रही थी। तभी गुलदार ने जसप्रीत पर हमला कर दिया और उसे खींचकर अपने साथ पेड़ पर ले जाने लगा। इस दौरान जसप्रीत के पेड़ पर फंस गया और वह गुलदार की पकड़ से छूट गया। इस दौरान जसप्रीत की बहन रुचिका और अन्य ग्रामीणों ने शोर मचा दिया जिसके बाद गुलदार वहां से भाग निकला।

यही से शुरू होता है उत्तराखंड का दुर्भाग्य
उत्तराखंड का दुर्भाग्य इससे बड़ा क्या हो सकता है कि गुलदार के हमले में घायल बच्चे को एक अस्पताल से दूसरे और उसके बाद न जाने कितने अस्पतालों में भेजा गया। ये कहानी नहीं धामी सरकार की नाकामी का जीता जागता नमूना है। घायल बच्चे को पहले तो उपचार के लिए सीएचसी हिंडोलाखाल ले ज़ाया गया, जहाँ से उसे सीएचसी वालों श्रीनगर रैफ़र कर दिया, उसके बाद श्रीनगर वालों ने बच्चे को AIIMS ऋषिकेश रैफ़र कर दिया और विडम्बना ये कि AIIMS वालों ने भी मासूम को जौलीग्रांट रैफ़र कर दिया, अब बच्चे को प्राइवेट अस्पताल में इलाज चल रहा है। जसप्रीत के सिर पर गुलदार के हमले में गहरे जख्म आये हैं जिसके लिए डॉक्टरों को जसप्रीत के सिर का ऑपरेशन करना पड़ा है ।

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