उत्तराखंड SIR 2003 की मतदाता सूची जारी, 18 विधानसभा सीटें आज अस्तित्व में नहीं, नाम खोजना बड़ी चुनौती

देहरादून 01 दिसंबर। उत्तराखंड चुनाव आयोग के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के लिए उत्तराखंड की वर्ष 2003 की मतदाता सूची तो जारी कर दी है लकिन ई लेकिन इसमें नाम खोजना बड़ी चुनौती है , क्योँकि उत्तराखंड में उस वक्त 18 विधानसभा सीटें ऐसी थीं, जो आज अस्तित्व में ही नहीं हैं। परिसीमन के बाद इनके नाम और क्षेत्र बदल गए थे।

एसआईआर के लिए वर्ष 2003 की मतदाता सूची से मिलान किया जाना है। आपका वोट 2003 में था या नहीं, इसके लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी देहरादून कार्यालय ने वेबसाइट ceo.uk.gov.in पर वर्ष 2003 की मतदाता सूची जारी कर दी है। नई पीढ़ी के मतदाता जब यहां देहरादून की धर्मपुर व रायपुर, चमोली की थराली, पौड़ी की चौबट्टाखाल, नैनीताल की लालकुआं व भीमताल, ऊधमसिंह नगर की कालाढूंगी सीट की तलाश करेंगे तो उन्हें नहीं मिलेगी। वर्ष 2003 में ये विधानसभा सीटें थी ही नहीं।

राज्य गठन के बाद पहला परिसीमन वर्ष 2002 में हुआ था, जिसमें राज्य में विधानसभा की 70 और लोकसभा की पांच सीटें तय हुई थीं। 2003 की मतदाता सूची में भी इन्हीं सीटों का जिक्र है। इसके बाद राष्ट्रीय स्तर पर जब वर्ष 2008 में परिसीमन हुआ तो उत्तराखंड की विधानसभा, लोकसभा सीटों की संख्या तो नहीं बदली लेकिन 18 सीटों का वजूद खत्म हो गया था। इसके बजाय नए नाम से सीटें आ गई थीं। वर्तमान मतदाता जब नए नाम को सर्च करेंगे तो उन्हें 2003 की मतदाता सूची में इन 18 सीटों के नाम नहीं मिलेंगे।

चमोली जिले में नंद्रप्रयाग व पिंडर के नाम से विस सीट थीं, जिनकी जगह अब थराली नाम से सीट है। देहरादून जिले में लक्ष्मणचौक व देहरादून के नाम से सीट थी, अब धर्मपुर, रायपुर व देहरादून कैंट के नाम से है। हरिद्वार जिले में इकबालपुर, लंढौरा, बहादराबाद, लालढांग के नाम से सीट थीं, अब इनकी जगह भेल रानीपुर, ज्वालापुर, झबरेड़ा, पिरान कलियर, खानपुर व हरिद्वार ग्रामीण के नाम से है। पौड़ी जिले में धूमाकोट, बीरोंखाल, थलीसैंण के नाम से सीट थीं, अब इनकी जगह चौबट्टाखाल नाम से है। पिथौरागढ़ में कनालीछीना और अल्मोड़ा में भिकियासैंण के नाम से सीट थीं, जो अब नहीं हैं। नैनीताल में मुकतेश्वर व धारी के नाम से सीट थीं, अब लालकुआं, भीमताल व कालाढूंगी के नाम से हैं। यूएसनगर में पंतनगर-गदरपुर, रुद्रपुर-किच्छा के नाम से सीट थीं, जो खत्म हो गईं और इनकी जगह गदरपुर, रुद्रपुर, किच्छा व नानकमत्ता के नाम से सीट है।

निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट पर आप 2003 की वोटर लिस्ट में अपना नाम पुराने वोटर आईडी कार्ड के इपिक नंबर से सर्च कर सकते हैं। अगर वो नहीं है तो आप एडवांस सर्च में जाकर अपना नाम, पिता का नाम, पोलिंग स्टेशन का नाम, उम्र आदि की जानकारी देकर निकाल सकते हैं।

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