पौड़ी 02 जनवरी। पौड़ी पुलिस के लिए विगत साल कई मायने में उपलब्धियों का वर्ष रहा। जिले की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्वेता चौबे के कुशल निर्देशन में पौड़ी पुलिस पूरे वर्ष एक्टिव मोड में दिखी। अपराधों के जहां कई प्रकार के खुलाशे हुए वही आमजनमानस को भी पुलिस द्वारा जागरुक किया गया। पौड़ी पुलिस द्वारा स्कूलों, कॉलेजों में जाकर छात्र -छात्राओं को “एक साझू प्रयास पुलिस वाला गुरजी का साथ” अभियान चलाकर आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया गया। आमजन मानस को विभिन्न मंचो जैसे रामलीला मंचन आदि के माध्यम से साइबर फ्रॉड व नशे के दुष्प्रभाओं के बारे में जागरुक किया गया। पुलिस आधुनिकीकरण के तहत जनपद के कस्बों में मुख्य-मुख्य स्थानों को आधुनिक CCTV कैमरों से लैस किया गया जिससे कि अपराधों की रोकथाम हो सके व अपराधों के सफल अनावरण में मदद मिल सके। साथ ही स्मार्ट पुलिसिंग के तहत थानों की जर्जर बैरिकों को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया। पौड़ी पुलिस की गत वर्ष की कुछ उपलब्धियां:-
पिछले साल(2022) की तुलना में अपराधों में भी कमी आई जिले में 2022 में कुल 386 आपराधिक मामले दर्ज हुए थे जबकि 2023 में 307 मामले ही दर्ज हुए, यानि आपराधिक मालों में सीधे तौर पर 20 प्रतिशत की कमी आई । चोरी के मामलों में भी 53 फ़ीसदी कमी दर्ज की गई, जहाँ वर्ष 2022 में 36 अपराध दर्ज किए गए थे वही 2023 में मात्र 15 अपराध दर्ज किए गए।
एनडीपीएस एक्ट के तहत 66 व्यक्तियों के विरूद्ध 51 अभियोग पंजीकृत कर 4 किलो 210 ग्राम अवैध चरस, 333.92 ग्राम अवैध स्मैक एवं 194 किलोग्राम अवैध गंजा बरामद किया गया। जनपद के पौड़ी, श्रीनगर, कोटद्वार एवं लक्ष्मणझूला के मुख्य-मुख्य स्थानों पर पौड़ी पुलिस द्वारा लगभग 120 आधुनिक CCTV कैमरे लगाये गये है। जिससे कि अपराधों की रोकथाम हो सके व अपराधों के सफल अनावरण व यातायात प्रबन्धन में मदद मिल सके।
जनपद स्तर पर प्रत्येक थानों में पिंक यूनिट टीमों का गठन किया गया है जिनके द्वारा अपने-अपने थाना क्षेत्रान्तर्गत 120 से अधिक बार स्कूलों में जाकर मनचलों पर नजर रखते हुये स्कूली छात्राओं से बातचीत कर सुरक्षा की भावना जागृत करते हुये उन्हें महिला सम्बन्धी अपराध, उत्तराखण्ड पुलिस एप में गौरा शक्ति मॉड्यूल एवं आपताकालीन नम्बर डायल-112 के बारे में जानकारी दी गयी।
समस्त थानों की महिला हेल्प डेस्क प्रभारियों/महिला हेल्प डेस्क पर नियुक्त महिला कर्मियों की महिला थाना श्रीनगर में 02 दिवसीय Training Of Trainers (TOT) का प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण प्राप्त महिला पुलिस कर्मियों को अपने-अपने थाना क्षेत्रान्तर्गत स्कूलों, कॉलेजों में पढने वाली लगभग 2500 लड़कियों व कार्यालयों में कार्य करने वाली 100 युवतियों /महिलाओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण दिया गया। जनपद पुलिस द्वारा थाना क्षेत्रान्तर्गत 100 से अधिक शिक्षण संस्थानों में 200 से अधिक बार जाकर लगभग 5000 छात्र-छात्राओं को साइबर अपराध, नशे के दुष्प्रभावों व महिला सम्बन्धी अपराधों के विषय में महत्वपूर्ण जानकारियां देकर अधिक से अधिक जागरूक किया गया।
जनपद पुलिस द्वारा थाना क्षेत्रान्तर्गत 150 से अधिक गांवो में जाकर ग्रामीण महिलाओं व बच्चों को एकत्रित कर उन्हे बढ़ते हुए अपराधों की रोकथाम, मानव तस्कारी, साइबर अपराधों से बचाव, सोशल मीडिया के दुष्प्रभावों व आपतकालीन नम्बर डायल-112 आदि के बारे में जानकारी देकर जागरूक किया गया। थाना क्षेत्रान्तर्गत रह रहे 150 से अधिक एकल वरिष्ठ नागरिकों एवं बुजुर्गों के घरों में जाकर उनकी कुशलछेम पूछते हुये उनकी समस्याओं को सुना गया।
जनपद की साइबर सैल द्वारा 73 मामलों में साइबर अपराध से पीड़ित व्यक्तियों के खातों में कुल ₹ 27 लाख की धनराशि वापस करायी गयी एवं साइबर अपराध से सम्बन्धित कुल 14 अभियोग पंजीकृत किये गये। मोटर वाहन अधिनियम के तहत 45,550 व्यक्तियों के विरूद्ध चालानी कार्यवाही करते हुये लगभग 2 करोड़ रूपये से अधिक का संयोजन शुल्क वसूला गया साथ ही 830 वाहनों को सीज करते हुये 1,335 व्यक्तियों के डीएल निरस्तीकरण की कार्यवाही की गयी।