4 घंटे में बदली चार पोशाक
देहरादून 12 अक्टूबर। उत्तराखंड कांग्रेस की प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने प्रधानमंत्री मोदी के उत्तराखंड दौरे को सियासी ड्रामा करार दिया। उन्होंने कहा कि एक बार फिर उत्तराखंड को मायूसी हाथ लगीहै । प्रधानमंत्री मोदीजब आदि कैलाश गूंजी गांव और अल्मोड़ा के जागेश्वर धाम आए तो गोदी मीडिया ने इसे मोदी की धार्मिक यात्रा कहकर महिमा मंडित किया, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के दौरे में वह सब कुछ हुआ जो एक हिंदी पिक्चर में होता है। उन्होंने कहा की प्रधानमंत्री ने चुनावी भाषण भी दिया , आरोप प्रत्यारोप भी लगाए , सियासी नाटक नौटंकी भी की, 4 घंटे में चार पोशाके बदलने का समय भी था। दसौनी ने कहा कि समझ से परे है कि यह धार्मिक यात्रा थी या राजनीतिक यात्रा? क्योंकि जो व्यक्ति भक्त बनकर आता है वह फिर राजनीतिक मंचों से दूसरों को गरियाने का काम नहीं करता ।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तराखंड की जनता को झूठ परोसा और कहा कि उनकी सरकार ने महिलाओं को 33% आरक्षण देने का ऐतिहासिक फैसला लिया है जबकि महिला आरक्षण सभी को पता है की जनगणना और परिसीमन के बाद होगा और वह अभी दूर की कौड़ी है। प्रधानमंत्री मोदी ने वन रैंक वन पेंशन की बात कही जो कि पूरी तरह से पूर्व सैनिकों के साथ धोखा साबित हुई है। दसोनी ने कहा की आज वन रैंक वन पेंशन के झुनझुने के खिलाफ पूर्व सैनिक सड़कों पर लामबंद है ।
दसौनी ने कहा कि मोदी ने अपने कार्यकाल में बॉर्डर्स को सुरक्षित करने की बात कही जबकि देश की सुरक्षा से सबसे बड़ा खिलवाड़ तो उसी दिन हो गया था जिस दिन अग्नि वीर योजना को लांच किया । उत्तराखंड सैन्य प्रधान प्रदेश है और यहां के हर परिवार का सपूत सेना में अपनी सेवाएं दे रहा है ,ऐसे में अग्नि वीर योजना उसके सपनो पर वज्रपात के समान साबित हुई है और उसके भविष्य को अंधकारमय करने वाली योजना बन गई है।उन्होंने आगे कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि मोदी सरकार भारतीय सेना के पीछे जैसे हाथ धोकर पड़ गई हो, अभी हाल ही में विकलांगता पेंशन में भी फेरबदल करके सेना को सेवा दे रहे सैनिकों के साथ एक बड़ा मजाक किया गया है ।
दसौनी ने कहा कि भले ही मोदी ने 4200 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास किया हो लेकिन पूर्व में किए गए शिलान्यास आज भी प्रधानमंत्री कि राह ताक रहे हैं। कैग की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी है, तो क्या गारंटी है कि 4200 करोड़ भी जमीन पर उतरेंगे ?
दसौनी ने सिलसिलेवार मोदी के झूठे वादों को गिनाते हुए कहा कि देश को आज भी 100 स्मार्ट शहर इंतजार है, सांसदों के द्वारा जो गांव गोद लिए गए हैं उनका काया कल्प होना था, लेकिन वह गांव भाजपा सांसदों की गोद में ही रह गए। किसानों की आय दोगुनी होनी थी उसका दूर-दूर तक पता नहीं है,काला धन वापस आना था, दो करोड़ नौकरियां मिलनी थी, स्टैंड अप इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, मेक इन इंडिया, न्यू इंडिया इत्यादि योजनाएं सिर्फ लॉन्चिंग तक ही सीमित कर रह गई। दसोनी ने कहा कि उत्तराखंड के दर्द और मर्म का कोई इलाज नरेंद्र मोदी नहीं करके गए।
उत्तराखंड अंकिता भंडारी के साथ हुए अत्याचार से छलनी है ,जोशीमठ विस्थापित आज भी निराशा की जिंदगी जीने को मजबूर हैं उत्तराखंड का युवा लगातार हुए भर्ती घोटाले के बाद खुद को हताश और निराश महसूस कर रहा है ,आपदा से हुए नुकसान का किसानों को कोई मुआवजा नहीं मिल पा रहा है ना ही समर्थन मूल्य मिल रहा है ,देश में हुए इतने बड़े रेल हादसे पर भी प्रधानमंत्री चुप्पी साध गए। दसोनी ने कहा कि चाहे मणिपुर हो, अंकिता भंडारी हत्याकांड हो या फिर रेल हादसा प्रधानमंत्री मोदी लगातार जमीनी मुद्दों से भागते ही नजर आए हैं। इसलिए प्रधानमंत्री मोदी का उत्तराखंड दौरा पूरी तरह से एक विफल दौरा साबित हुआ है।