नए मुख्य सचिव का पदभार ग्रहण करते ही आनंद बर्द्धन के सामने होगा चुनौतियों का पहाड़

राकेश डंडरियाल

देहरादून :वरिष्ठ आईएएस अधिकारी आनंद बर्द्धन एक अप्रैल को उत्तराखंड के 19वें मुख्य सचिव  का पदभार ग्रहण करेंगे। राज्य सरकार ने इस संबंध में बिधिवत आदेश जारी कर दिया है। आनंद बर्द्धन 1992 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उत्तराखंड की नौकरशाही में बर्द्धन वर्तमान में सबसे वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हैं। आशा है प्रदेश को उनके लंबे अनुभव का फायदा मिलेगा। उन्हें रामपुर, इटावा, पौड़ी, नैनीताल और हरिद्वार के जिला मजिस्ट्रेट और कलेक्टर सहित कई पदों का अनुभव है । इस अनुभव का फायदा उन्हें शहरी और भौगोलिक रूप से विषम पहाड़ी क्षेत्रों में विकास की नई भूमिका को तैयार करने में मिलेगा।

मुख्य सचिव के रूप में आनंद बर्द्धन का दौर 1 अप्रेल से शुरू होकर 2027 में समाप्त होगा, यानि कि धामी के कार्यकाल के अंत तक ,इस दौरान उन्हें जहाँ एक ओर अपने प्रशासनिक प्रतिद्वंदियों से निपटना होगा, तो दूसरी तरफ आगामी चारधाम यात्रा जो कि महज 30 दिनों के अंदर शुरू होने वाली है, उसकी तैयारियों पर दिन रात एक करना होगा , चारधाम यात्रा को सही तरह से संपन्न करना वर्धन की सबसे बड़ी परीक्षा होगी , हालाँकि इस तरह के धार्मिक आयोजनों से वे परिचित रहे हैं , वर्धन ये भूमिका 2010 में हरिद्वार कुंभ मेले में बखूबी निभा चुके हैं, तब वे हरिद्वार के मेला अधिकारी थे । मगर हरिद्वार और चारधाम यात्रा दोनों में धरती आसमान का फर्क है, चारधाम यात्रा प्राकृतिक रूप से जटिल है, पल पल फैसले लेने होते हैं , यात्रा पर लगातार निगरानी रखना और प्राकृतिक आपदाओं से जूझना , इसके अलावा श्रद्धालुओं का जनून और भीड़ पर नियंत्रण उनकी प्रशासनिक कार्यशैली की भी परीक्षा होगी।

आनंद बर्धन की दूसरी परीक्षा होगी प्रदेश के जंगलों में लगने वाली आग, उत्तराखंड में आग का सीजन शुरू हो चुका है, और बदलते मौसम के मध्यनजर इस साल भयंकर गर्मी पड़ने की संभावना है, मौसम विशेषज्ञ भी इस ओर संकेत दे चुके हैं , इस साल प्रदेश में अबतक लगभग 100 से ज्यादा आग लगने के मामले सामने आ चुके हैं।

वर्धन की तीसरी चुनौती होगी 15 जून के बाद शुरू होने वाले बरसात के सीजन में, उस दौरान एक ओर जहाँ यात्रा सीजन पीक पर होगा, तो दूसरी तरफ प्रदेश में आपदा का। हर साल प्रदेश के लगभग सभी जिलों में जिसमें प्रमुख रूप से रुद्रप्रयाग, हरिद्वार , पौड़ी , पिथौरागढ़, बागेश्वर नैनीताल, चमोली, टिहरी गढ़वाल को प्राकृतिक आपदाओं से जूझना पड़ता है , इसके लिए पूर्व में तैयारी करवाना।

इसके अलावा प्रदेश में व्याप्त भ्रष्टाचार, खनन माफिया, स्वास्थय व शिक्षा का जो हाल है, प्रदेश की उनसे आशा होगी कि वे इन बिभागों में व्याप्त भ्रष्टाचार को कुचलने में सफल हों । उनके पास प्रदेश के मुख्य सचिव के रूप में काम करने के लिए लगभग दो साल से भी अधिक का समय है , ऐसे में उन्हें प्रदेश के लिए दीर्घकालिक और मजबूत आधारभूत ढांचे को तैयार करने में पूरा समय मिलेगा।

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