राकेश चंद्र
एक पुरानी कहावत है दूध का जला छाछ भी फूँक फूँक कर पीता है। ठीक वही काम आजकल प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी कर रहे हैं। धामी 2022 में खुद मुख्यमंत्री रहते हुए खटीमा सीट से चुनाव हार गए थे। इसके बाद उन्हें दूसरा झटका बद्रीनाथ व मंगलौर विधानसभा के उपचुनाव में लगा। लेकिन धामी अब केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव में कोई कमी कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं, इसके लिए उन्होंने केदारनाथ विधानसभा में धनवर्षा शुरू कर दी है।
केदारनाथ विधानसभा सीट पर चुनाव नवंबर 20 को होगा और 23 नवंबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे। लेकिन इससे पहले मुख्यमंत्री धामी ने केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र में विकास घोषणाओं की झड़ी लगा दी है। मंगलवार को उन्होंने केदारघाटी में विभिन्न कार्यों के लिए 1389.75 लाख की धनराशि स्वीकृत की है, जबकि विगत रविवार को उन्होंने रुद्रप्रयाग जिले में जाकर 25 घोषणाएं की। इससे पहले भी उन्होंने केदारनाथ के लिए 14 और घोषणाएं कीं थी। मुख्यमंत्री विगत 10 दिन में ही लगभग 45 योजनाओं की घोषणा कर चुके हैं।
केदारनाथ विधान सभा का उपचुनाव मुख्यमंत्री धामी के लिए कठिन परीक्षा है, अगर वे इस परीक्षा में सफल रहे तो मुख्यमंत्री पद भी बरक़रार रहेगा , बरना उत्तराखंड को साल के अंत से लेकर नए साल के बीच एक और मुख्यमंत्री देखने को मिल सकता है। इससे पहले जुलाई में हुए विधानसभा के उप चुनाव में कांग्रेस ने भाजपा में सेंध लगाकर मंगलौर और बदरीनाथ विधानसभा सीटें जीत ली थी, तब से पुष्कर सिंह धामी के बारे में तरह तरह के कयास लगाए जा रहे थे।
गौरतलब है की केदारनाथ विधानसभा की सीट विधायक शैलारानी रावत के निधन के बाद खाली हो गई थी। भारत निर्वाचन आयोग की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, केदारनाथ उपचुनाव को लेकर 22 अक्टूबर को नोटिफिकेशन जारी होगा। 29 अक्टूबर को नामांकन की तिथि रखी गई है। 30 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी। 4 नवंबर को नाम वापसी की अंतिम तिथि रखी गई है। 20 नवंबर को केदारनाथ उपचुनाव के लिए मतदान होगा। 23 नवंबर को मतगणना के साथ ही चुनावी नतीजे जारी होंगे।
दूसरी तरफ कांग्रेस की पूरी कोशिश होगी कि वे इस सीट को जीत लें , लेकिन प्रदेश कांग्रेस में इस समय गुटबाजी अपने चरम पर है। खबर है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और प्रभारी शैलजा के बीच सबकुछ ठीक ठाक नहीं चल रहा है।