अल्मोड़ा, 20 फरवरी। जिलाधिकारी,अध्यक्ष जनपद आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण आलोक कुमार पाण्डेय ने बताया कि उत्तराखण्ड शासन वन अनुभाग द्वारा वनाग्नि रोकथाम एवं प्रभावी नियंत्रण किये जाने के विस्तृत निर्देश निर्गत किये गये है। इन निर्देशों के दृष्टिगत जिलाधिकारी ने बताया कि वनाग्नि दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए एन0डी0आर0एफ0, एस0डी0आर0एफ0, पैरामिल्ट्री फोर्स तथा आपदा क्यूआरटी सहित अन्य रेखीये विभागों का सहयोग लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सचिव आपदा प्रबन्धन एवं पुनर्वास विभाग द्वारा वनाग्नि को आपदा घोषित किया गया है। जिलाधिकारी ने इस संबंध में आदेश भी जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि वनाग्नि रोकने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। फॉरेस्ट फायर को रोकने के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ तथा पैरामिलिट्री फोर्स को भी जिम्मेदारी दी जाएगी। इस संबंध में जिलाधिकारी ने प्रभागीय वनाधिकारी एवं सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिये कि ग्रीष्मकाल में जनपद अन्तर्गत किसी भी स्थान एवं जंगल में वनाग्नि की घटना संज्ञान में आने पर वनाग्नि दुर्घटनाओं को न्यून किये जाने एवं प्रबन्धन की प्रभावी कार्यवाही तथा नियंत्रण के लिए अपने स्तर से स्वयं के संसाधनों के माध्यम से वनाग्नि नियंत्रण के लिए आवश्यक कार्यवाही करवाना सुनिश्चित करेंगे।