चंद्र ग्रहण का भारत में देखने को मिलेगा व्यापक प्रभाव

5 राज्यों में चुनावी नतीजे चौंकाने वाले, महंगाई बढ़ेगी, सीमा पर तनाव

पंडित नितेश बौड़ाई
इस बार शनिवार यानि 28 अक्टूबर को चंद्र ग्रहण लगेगा, इसी दिन शरद पूर्णिमा भी है, इसलिए इस दिन का महत्व और ज्यादा बढ़ गया है। इस कारण उत्तराखंड में शनिवार को चंद्रग्रहण के चलते बदरीनाथ, केदारनाथ गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में मंदिर के कपाट शाम चार बजे बंद कर दिए जाएंगे। 29 अक्तूबर को सुबह शुद्धिकरण करने के बाद मंदिर ब्रह्ममुहुर्त में खुलेंगे और महाभिषेक, रूद्राभिषेक सहित सभी पूजाएं संपन्न होंगी।
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शरद पूर्णिमा पर लगने वाला यह ग्रहण 28 अक्टूबर 2023 की मध्य रात्रि को संपूर्ण भारत में खंडग्रास चंद्र ग्रहण दिखाई देगा। यह भारत के साथ पूरे ऑस्ट्रेलिया एशिया अफ्रीका के साथ उत्तरी अमेरिकी देशों में दिखाई देगा। भारत में यह ग्रहण का सूतक 28 अक्टूबर शाम 4:00 बजे से लगेगा यह चंद्र ग्रहण अश्वनी नक्षत्र मेष राशि में घटित हो रहा है जो अश्विनी मास की पूर्णमासी है जिसे शरद पूर्णिमा भी कहते हैं। यह ग्रहण 28 – 29 की रात्रि को 1:15 पर रहेगा आचार्य वराहमीर के अनुसार यह चंद्र ग्रहण अश्वनी मास पर पड़ रहा है जो मेष राशि है जिस कारण शास्त्र से जीविका चलाने वाले लोगों को कष्ट हो सकता है जैसे सेना, पुलिस आदि के लोगों पीड़ा हो सकती है। ग्रहण के समय मेष राशि पर गुरु का गोचर रहेगा जिस कारण विद्वान, बुद्धिजीवी, राजा ,सचिव, व मंत्रियों को कष्ट हो सकता है यह ग्रहण अश्विनी मास पर रहेगी जिस कारण मूंग, उड़द ,चना ,अरहर आदि दलहन फसल फसलों के दाम बढ़ सकते हैं जिस कारण महंगाई अधिक बढ़ सकती है। आचार्य वराहमीर के अनुसार अश्वनी मास का ग्रहण यवन देशो के लोगों के लिए पीड़ा दायक और कष्टकारी होता हैं।

अक्टूबर माह मे14 अक्टूबर 2023 दिन शनिवार को कंकण सूर्य ग्रहण था जो दक्षिणी अमेरिकी देश अफ्रीकी महाद्वीप और पश्चिम एशिया देश में दिखाई दिया था जो तुला राशि पर स्थित था जिस कारण पश्चिमी देशों में तनाव की स्थिति बनी और भयंकर समुद्री तूफान व अन्य प्राकृतिक आपदाओं का योग बन रहा है। दोनों ग्रहों का प्रभाव पूरे विश्व पटल पर बड़े स्तर पर पढ़ रहा है उत्तरी अमेरिकी देश और दक्षिण अमेरिकी देशों के बीच में दैविक आपदाएं के साथ-साथ राजनीतिक उठा पाठक हो सकती है तथा देश के बीच में व्यापारिक व राजनीतिक मतभेद देखने को मिल सकते हैं अफ्रीकी उपमहाद्वीप के देशों में अशांति व उपद्रव के प्रबल योग बन रहे हैं यवनदेश अर्थात यूरोप के देशों और एशियाई देशों के बीच में तनाव व युद्ध की स्थिति के प्रबल योग बन रहे हैं।

31 अक्टूबर के बाद मीन राशि पर राहु का परिवर्तन होने के साथ युद्ध की चिंगारी अन्य देशों पहुंच सकती है भारत की दृष्टि में देखें तो जन क्रांति के प्रबल योग हैं तथा राजनीतिक में बड़े फेरबदल के योग हैं निकट भविष्य में जिन प्रदेशों पर चुनाव है वहां बड़े चौंकाने वाले नतीजे आ सकते हैं तथा देश की सत्ता पक्ष की पार्टी को नुकसान हो सकता है महंगाई अधिक बढ़ सकती है ।मीन राशि में राहु और कन्या राशि में केतु का राशि परिवर्तन 30 अक्टूबर को होगा और शनि 4 नवंबर के बाद मार्गी होंगे जिस वजह से केंद्र सरकार के द्वारा कोई योजना वापस लेने के योग है ।आमजन के लिए आने वाले समय शुभ रहेगा लोगों में आत्मविश्वास, मनोबल की वृद्धि विवेक, बुद्धि का उत्थान होगा नवंबर माह के बाद अंतर्राष्ट्रीय भारतीय अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर तनाव के योग बन रहे हैं।

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