स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा का प्रश्न पत्र बाहर आने के बाद देहरादून की सड़कों पर उतरे सैकड़ों युवा

देहरादून 22 सितम्बर। उत्तराखंड में भर्ती परीक्षा का पेपर रविवार को शुरू होने के आधे घंटे बाद लीक होने का आरोप है। आरोप के बाद जिला प्रशासन ने देर रात अलग-अलग हिस्सों में निषेधाज्ञा जारी कर दी है। उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की स्नातक स्तरीय परीक्षा का पेपर लीक होने का दावा किया है। ऐसे में गुस्साए बेरोजगारों आज सचिवालय कूच करने पहुंचे। युवाओं का सवाल है आखिर पेपर बाहर कैसे आया। गुस्साएं युवाओं ने सड़कें जाम कर दी।

UKSSSC द्वारा आयोजित ग्रेजुएशन लेवल के पदों की लिखित परीक्षा रविवार सुबह 11 बजे शुरू हुई और दोपहर 1 बजे तक चली। हालांकि, उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा के अध्यक्ष बॉबी पंवार ने आरोप लगाया कि सुबह 11.30 बजे तक पेपर लीक हो गया था। दोपहर 1:30 बजे देहरादून पुलिस ने दावा किया कि सोशल मीडिया पर पेपर लीक होने की भ्रामक पोस्ट फैलाई गई थीं और किसी भी गिरोह की संलिप्तता से इनकार किया।

इस बीच रविवार को हरिद्वार पुलिस ने बॉबी पंवार को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया, वहीं जिला मजिस्ट्रेट ने रविवार रात देहरादून में 12 जगहों पर पांच या उससे ज्यादा लोगों के जमावड़े को रोकने के लिए बीएनएसएस की धारा 163 लागू करने की घोषणा की,तो दूसरी तरफ पेपर लीक के आरोपों के बाद मोर्चा ने विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया था।इससे एक दिन पहले स्पेशल टास्क फोर्स और देहरादून पुलिस ने पंकज गौड़ और हाकम सिंह नाम के दो लोगों को गिरफ्तार किया था। उन पर छह उम्मीदवारों को 12-15 लाख रुपये के बदले परीक्षा में पास कराने का आरोप था। सिंह को पहले भी 2021 यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है।


एसएसपी अजय सिंह ने रविवार रात करीब साढ़े नौ बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि मामले की जांच के लिए एक एसआईटी गठित की गई है। यूकेएसएसएससी ने जांच की मांग करते हुए एक आवेदन दिया है।मामले में दर्ज एफआईआर के मुताबिक, टिहरी गढ़वाल के एक कॉलेज में प्रोफेसर सुमन को रविवार सुबह 7.55 बजे खालिद मलिक नाम के एक व्यक्ति के नंबर से एक व्हाट्सएप मैसेज मिला। इसमें कथित तौर पर उनसे पेपर सॉल्व करने को कहा गया था क्योंकि उसकी बहन को परीक्षा देनी थी। एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि सुमन को सुबह 11.35 बजे पेपर के तीन पन्ने मिले और 10 मिनट में उन्होंने खालिद के नंबर पर आंसर वापस भेज दिए।एफआईआर में कहा गया है, “भेजने के बाद सुमन को शक हुआ कि क्या उस दिन वाकई कोई पेपर तय था। उसने बिना किसी विभाग को सूचित किए, बॉबी पंवार को फोन किया और दोपहर 12.28 बजे, हाथ से लिखे आंसर के साथ तीन पन्ने व्हाट्सएप पर उसे भेज दिए। पंवार ने उसे इस बारे में किसी को न बताने के लिए कहा।”

प्रेस कॉन्फ्रेंस में एसएसपी ने बताया, “शुरुआती जांच से ऐसा लगता है कि या तो पेपर में नकल कराई गई थी या फिर भर्ती प्रक्रिया को सनसनीखेज और बदनाम करने का इरादा था।” एफआईआर में खालिद, उसकी बहनों सबिया और हिना और सुमन के खिलाफ कई धाराओं में केस दर्ज किया गया है। एसएसपी सिंह ने आरोप लगाया कि बहनों ने खालिद के नंबर से सुमन को पेपर भेजा था और यह घटना एक व्यक्ति द्वारा अंजाम दी गई थी।

मीडिया से बात करते हुए पंवार ने प्रशासन पर ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाने में नाकाम रहने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया, “वे युवाओं की जिंदगी से खेल रहे हैं। हमें सुबह 11.30 बजे पेपर मिला और हमें यह देखना होगा कि लीक कब हुआ और क्या पेपर परीक्षा शुरू होने से पहले आउट हो गया था। हमने पूछताछ के दौरान हरिद्वार पुलिस को जानकारी दी है कि हमें इसकी सूचना कैसे मिली।” एसएसपी पर बीजेपी का प्रवक्ता होने का आरोप लगाते हुए , पंवार ने कहा कि जब भी पेपर लीक का दावा सामने आता है, मुख्यमंत्री और एसएसपी निषेधाज्ञा जारी कर देते हैं।

इस बीच उत्तराखंड कांग्रेस में विपक्ष के नेता यशपाल आर्य ने कहा कि शनिवार को गिरफ्तार किया गया हाकम सिंह रावत कई बड़े पेपर लीक मामलों में शामिल था। उन्होंने कहा, “उसका नाम 2021 की एसएसएससी परीक्षा, फॉरेस्ट रेंजर भर्ती और सचिवालय गार्ड भर्ती में सामने आया था। उसका नेटवर्क सक्रिय रहा। नकल और पेपर बेचने वाले रैकेट का राज्य का सबसे बड़ा संदिग्ध जेल से बाहर आया और तुरंत परीक्षा बेचने का धंधा फिर से शुरू कर दिया।”

 

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