दक्षिण अमेरिका की सबसे ऊंची चोटी माउंट अकोंकागुआ पर फतह के लिए निकले राजेन्द्र नाथ

पुलिस महानिदेशक, उतराखंड श्री अभिनव कुमार द्वारा पुलिस प्रतीक चिन्ह देकर रवाना किया गया।

देहरादून 12 जनवरी। देहरादून स्थित पुलिस मुख्यालय से आरक्षी राजेन्द्र नाथ को दक्षिण अमेरिका की सबसे ऊंची चोटी माउंट अकोंकागुआ(6961 मीटर) को फतह करने के लिए पुलिस महानिदेशक, उतराखंड अभिनव कुमार ने पुलिस प्रतीक चिन्ह देकर रवाना किया । आरक्षी राजेन्द्र नाथ द्वारा इसी एक्सपीडिशन के माध्यम से गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर माउंट अकोंकागुआ को फतह करने का प्रयास किया जाएगा। इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक ने आरक्षी राजेन्द्र नाथ को उनके सफल पर्वतारोहण अभियान के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि पर्वतारोहण एक साहसिक खेल है, और एसडीआरएफ के प्रत्येक सदस्य के लिए ऐसे साहसिक खेलों का विशेष महत्व है। इसलिए समय समय पर ऐसे साहसिक खेलों में प्रतिभाग करने हेतु कर्मियों को प्रोत्साहित किया जाता है। SDRF कर्मियों द्वारा क्याकिंग, राफ्टिंग, ट्रैकिंग, पर्वतारोहण इत्यादि साहसिक खेलों में प्रतिभाग कर अपनी व्यवसायिक दक्षता बढ़ाने का निरन्तर प्रयास किया जाता है।

फ्लैग ऑफ सेरेमनी के दौरान मौजूद पुलिस महानिरीक्षक SDRF ने भी राजेन्द्र को शुभकानाएं दी । उन्होंने कहा कि एसडीआरएफ में पर्वतारोहण का विशेष महत्व है। एसडीआरएफ ने पहले भी सतोपंथ, भागीरथी,त्रिशूल व एवेरेस्ट में सफल आरोहण किये हैं । इन पर्वतारोहण अभियानों के माध्यम से मिले कौशल से SDRF द्वारा ग्लेशियरों एवम ट्रेक रूटों में फंसे देश-विदेश के अनेक पर्वतारोहियों,ट्रैकरों एवम पर्यटकों को सकुशल रेस्क्यू किया गया है। SDRF द्वारा विदेशी नागरिकों व पर्वतारोहियों के सफल रेस्क्यू कार्यों की कोरिया, अमेरिका इत्यादि देशों के दूतावासों द्वारा मुक्त कंठ से प्रशंसा की गई है।

मणिकांत मिश्रा,सेनानायक ने जानकारी देते हुए बताया कि मुख्य आरक्षी राजेन्द्र नाथ SDRF की हाई एल्टीट्यूड रेस्क्यू टीम का एक अभिन्न अंग है। राजेन्द्र द्वारा विभिन्न पर्वत श्रंखलाओं पर किये गए सफल आरोहण से उच्च तुंगता क्षेत्रों में अपनी कार्यक्षमता में गुणात्मक सुधार किया गया बल्कि SDRF के अन्य कर्मियों को भी प्रेरित किया गया है। मुख्य आरक्षी राजेन्द्र नाथ के इस पर्वतारोहण अभियान के माध्यम से SDRF में एक साहसिक वातावरण का निर्माण करने का प्रयास किया जा रहा है जिससे अन्य जवान भी अभिप्रेरित होंगे व उनके आत्मविश्वास में वृद्धि होगी, जो निश्चय ही भविष्य में उच्च तुंगता रेस्क्यू के दौरान विषम परिस्थितियों में भय व अवरोधों का डटकर सामना करने का साहस प्रदान करेगा ।

आरक्षी राजेन्द्र नाथ ने पूर्व में भी अनेक कीर्तिमान हासिल किए हैं । उन्होंने विगत वर्षों में चंद्रभागा-13 (6264 मीटर), डीकेडी-2 (5670 मीटर), माउंट त्रिशूल (7120 मीटर) माउंट गंगोत्री प्रथम (6672 मीटर), माउंट श्रीकंठ (6133 मीटर), माउंट बलज्यूरी (5922 मीटर), माउंट बंदरपूंछ (5500 मीटर), यूरोप महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एलब्रुश(5642 मीटर), अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो (5895 मीटर) का सफलतापूर्वक आरोहण किया गया है। यह उतराखंड पुलिस के प्रथम कर्मी है जिन्होंने माउंट एलब्रुस को छः दिवस के अंतराल में डबल समिट और माउंट किलिमंजारो को तीन दिवस के अंतराल में डबल समिट करने का अद्वितीय कीर्तिमान अपने नाम किया है।

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