हरिद्वार 07 सितम्बर। अल्मोड़ा जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टर अंडरवर्ल्ड डॉन प्रकाश पांडे उर्फ पीपी को श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा का महंत बनाने को लेकर गुरु दीक्षा देने का मामला तूल पकड़ रहा है। गौरतलब है कि शुक्रवार को अल्मोड़ा कारागार में पहुंचकर राजेंद्र गिरि, महंत सुरेंद्र पुरी तथा हिंदूवादी नेता कृष्ण कांडपाल के सानिध्य में डॉन प्रकाश पांडे को गुरु दीक्षा दी गई, जिसके बाद से उसका नया नाम प्रकाशानंद रखा गया है। मीडिया के जरिये ये खबर सामने आने के बाद जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरिगिरी महाराज ने मामले में की जांच कराने की बात कही है।उन्होंने कहा कि उसे किसने संत बनाया, कौन इसमें शामिल रहा इसको लेकर सात सदस्यीय जांच कमेटी गठित की जाएगी।
अल्मोड़ा के रानीखेत स्थित खनौइया गांव निवासी प्रकाश पांडे उर्फ पीपी छोटा राजन का दाहिनी हाथ हुआ करता था। इन दिनों वह अल्मोड़ा जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है। अंडरवर्ल्ड डॉन प्रकाश पांडेय को विदेश से प्रत्यर्पण कर लाया गया था, तब से कई जेलों में बंद चल रहा है. प्रकाश पांडेय छोटा राजन का शूटर भी रहा है । पिछले साल अगस्त में पौड़ी जेल से पीपी को हरिद्वार जिला कारागार में शिफ्ट किया गया था, मगर कुछ माह पहले उसे अल्मोड़ा जेल में स्थानांतरित कर दिया गया था।
गैंगस्टर को जूना अखाड़ा का संत बनाने पर अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरिगिरी महाराज ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। श्रीमहंत हरिगिरी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि ये पूरी तरह से गलत है। इस मामले को लेकर सात सदस्यीय कमेटी गठित की जाएगी। लालच में अगर किसी ने तरह का काम किया है तो इस पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी। सत्या क्या इसका पता लगाने के लिए ही फिलहाल कमेटी का गठन किया जाएगा।जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके बाद आगे का निर्णय लिया जाएगा।