त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पर नैनीताल हाईकोर्ट ने लगाई रोक

देहरादून /नैनीताल 23 जून। नैनीताल हाईकोर्ट ने राज्य में प्रस्तावित त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए सरकार की ओर से 11 जून को जारी आरक्षण आदेश पर रोक लगा दी है। मामले में सरकार ने अपने आदेश में कहा था कि अब तक के पंचायत चुनावों में पूर्व में लागू हुए आरक्षण को शून्य मानते हुए इस वर्ष से प्रथम आरक्षण लागू माना जायेगा। इसके बाद राज्य चुनाव आयोग ने पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी और इसी के साथ आदर्श आचार संहिता भी लागू हो गई थी। सरकार के इस निर्णय को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर मुख्य न्यायाधीश जी नरेंदर और जस्टिस आलोक मेहरा की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई हुई।

इससे पहले हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई में सरकार से संबंधित नियमावली व 11 जून को जारी आदेश पर जबाव मांगा था। सरकार के जवाब से संतुष्ट न होने पर हाईकोर्ट ने चुनाव पर रोक लगा दी। हाईकोर्ट के इस निर्णय से फिलहाल राज्य में पंचायत चुनावन पर ब्रेक लग गया है।

गौरतलब है कि बागेश्वर निवासी गणेश दत्त कांडपाल व अन्य ने हाईकोर्ट में ये याचिकाएं दायर की हैं। इनमें कहा है कि सरकार ने बीती नौ जून को एक आदेश जारी कर पंचायत चुनाव के लिए नई नियमावली बनाई। साथ ही 11 जून को आदेश जारी कर अब तक पंचायत चुनाव के लिए लागू आरक्षण रोटेशन को शून्य घोषित करते हुए इस वर्ष से नया रोटेशन लागू करने का निर्णय लिया है। जबकि हाईकोर्ट ने पहले से ही इस मामले में दिशा निर्देश दिए हैं। याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि इस आदेश से पिछले तीन कार्यकाल से जो सीट आरक्षित वर्ग में थी, वह चौथी बार भी आरक्षित कर दी गई है। इस कारण वे पंचायत चुनाव में भाग नहीं ले पा रहे हैं। इस मामले में सरकार की ओर से बताया गया कि इसी तरह के कुछ मामले एकलपीठ में भी दायर हैं। जबकि याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कहा कि उन्होंने खंडपीठ में 9 जून को जारी नियमों को भी चुनौती दी है। सरकार की ओर से आगे बताया गया कि एकलपीठ के समक्ष केवल नए सिरे से आरक्षण लागू करने का उल्लेख वाले 11 जून के आदेश को चुनौती दी गई है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *