टनल में अलग से डाली जा रहा है लाइफ लाइन पाइप
रेस्क्यू के बाद क्या होगा? सुरंग में मेडिकल फैसिलिटी तैयार, एंबुलेंस भी मौजूद, हेलीपैड पर तैयार खड़ा चिनूक
उत्तरकाशी 28 नवंबर। उत्तरकाशी की सिलक्यारा टनल हादसे में फंसे 41 श्रमिकों के लिए मंगलवार का दिन बेहद ही शुभ रहा । अब टनल नल में फंसे 41 मजदूरों को सही सलामत बाहर निकालने का काम आखिरी पड़ाव पर है। हालाँकि एनडीएमए के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन ने कहा है कि, “मेरे हिसाब से इस ऑपरेशन को पूरा करने में पूरी रात लग जाएगी।”
अब सिल्कयारा गांव के पास मौजूद सुरंग में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर कभी भी अच्छी खबर आ सकती है। सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए चल रहा ऑपरेश अंतिम दौर में है। मलबे में डाले गए पाइप से मजदूरों को निकालने के बाद सबसे पहले उनका हेल्थ चेकअप किया जाएगा। इसके लिए सुरंग में ही मेडिकल फेसिलिटी तैयार की गई है। सुरंग के अंदर ही डॉक्टर्स औऱ मेडिकल टीम मौजूद है।
सुरंग में डॉक्टरस् की टीम के अलावा लगभग एक व्यक्ति के लिए एक एंबुलेंस आपात स्थिति के लिए तैयार खड़ी हैं। इसके साथ ही चिनूक हेलीकॉप्टर पर हेलीपैड पर मौजूद है। हालांकि चिनूक हेलीकॉप्टर अब कब सुबह ही उड़ान भर सकेगा।
इस बीच NDMA के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) सैयद अता हसनैन ने बताया कि चिनूक हेलीकॉप्टर चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर मौजूद है। चिनूक हेलीकॉप्टर उड़ाने का आखिरी समय शाम 4:30 बजे है। हम इसे रात के दौरान नहीं उड़ाएंगे। चूंकि देर हो गई है, मजदूरों को अगली सुबह लाया जाएगा। फिलहाल सुरंग में 10 बेड की व्यवस्था की गई है। जरूरत पड़ने पर 1 या 2 एंबुलेंस में मजदूरों को रात में ही ऋषिकेश ले जाया जा सकता है। रेस्क्यू के बाद मजदूरों को 48-72 घंटे तक डॉक्टर्स की निगरानी में रखा जाएगा।
दूसरी तरफ ऋषिकेश AIIMS को अलर्ट मोड पर रखा गया है। यहां 41 बेड का वार्ड और ट्रामा सेंटर बनाया गया है। जिन मजदूरों की हेल्थ ज्यादा खराब होगी उन्हें ऋषिकेश AIIMS एयरलिफ्ट किया जाएगा। यहां ट्रॉमा सर्जन सहित हार्ट और मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम तैयार है। ऋषिकेश AIIMS में स्थित हेलीपैड पर एक बार में तीन हेलीकॉप्टर लैंड कर सकते हैं।इस बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सिल्कयारा सुरंग बचाव स्थल से रवाना हो गए हैं।