देहरादून 11 नवंबर। डबल इंजन वाले प्रदेश का स्वस्थ्य विभाग वेंटीलेटर पर है, जी हां ये हम नहीं इस विभाग की रिपोर्ट बता रही है कि लाख कोशिशों के बाबजूद महकमा मात्रा 78 असिस्टेंट प्रोफेसरों की ही नियुक्ति कर पाया है दरअसल विभाग ने चयन तो 171 असिस्टेंट प्रोफेसरों का किया था और उन्हें उनके मेडिकल कॉलेज भी अलॉट कर दिए गए थे, लेकिन उसमे से केवल 78 ने ही कार्यभार ग्रहण किया। जबकि 8 महीने गुजरने के बाद भी 93 असिस्टेंट प्रोफेसरों ने ज्वाइन नहीं किया, जिससे चलते मेडिकल कॉलेजों में इनके पद खाली पड़े हैं।
अब 8 महीने बाद भी इन 93 असिस्टेंट प्रोफेसर का दूर तक अता पता नहीं है, न ही मंत्री को होश और न ही सरकार के चिकित्सा शिक्षा विभाग को , जिस कारण पहाड़ी इलाकों श्रीनगर, हल्द्वानी और अल्मोड़ा के अस्पतालों की हालत नाजुक स्थित में है। यहाँ सवाल ये है कि क्या विभाग को होश ८ महीने बाद आया, जबकि इन असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति फ़रवरी 2023 में हो गई थी ? तो डिपार्टमेंट क्या कर रहा था, मंत्री क्या कर रहा था ?