फॉरेस्ट फायर को नियंत्रित करने के लिए संवेदनशील क्षेत्र का चयन करने के आदेश

अल्मोड़ा, 7 जनवरी। आगामी फॉरेस्ट फायर सीजन के दृष्टिगत फॉरेस्ट फायर को नियंत्रित करने एवं नई अभिनव पहल करने के संबंध में एक महत्वपूर्ण बैठक जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडेय की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट के वीसी कक्ष में आयोजित हुई। बैठक में फॉरेस्ट फायर को नियंत्रित करने तथा संवेदनशील क्षेत्र का चयन कर इनमें विशेष सतर्कता बरतने के साथ साथ इनोवेटिव पहल करने पर चर्चा हुई। जिलाधिकारी ने कहा कि आगामी सीजन में फॉरेस्ट फायर की प्रभावी रोकथाम करने के साथ साथ जंगल के किसी एक संवेदनशील क्षेत्र को चयनित कर प्रयोगात्मक रूप से उसको बचाने पर कार्य किया जाना है। इसके लिए उन्होंने अधिशाषी अभियंता जल निगम एवं जल संस्थान के अधिकारियों से कहा कि वनाग्नि प्रभावित क्षेत्रों में उनकी पानी की लाइन को मैप किया जाए, जिससे उन लाइन में वाल्व आदि की व्यवस्था कर आपातकाल में उससे पानी की सप्लाई को आग बुझाने में प्रयोग किया जा सके। उन्होंने कहा कि यदि यह प्रयोग सफल रहा तो इस मॉडल को अन्य क्षेत्रों में भी लागू किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि जंगल हैं तो हम हैं। इनको बचाना हमारा नैतिक दायित्व भी है। इसलिए सभी अधिकारी सिर्फ यह न देखे कि उनको सरकारी अधिकारी के तौर पर ही कार्य करना है बल्कि सभी अपने कर्तव्य के तौर पर भी कार्य करें। उन्होंने कहा कि इस कार्य में जिलाधिकारी से लेकर वन रक्षक, लाइनमैन को कार्य करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी अपने अपने सुझाव भी भेजें जिससे उन पर विचार हो सके। कहा कि सभी अधिकारी वन विभाग की मैपिंग के डेटा को देखे तथा उस डेटा में यह देखें कि किन किन क्षेत्रों में उनकी पानी की लाइन है जिससे समय पढ़ने पर उसका प्रयोग किया जा सके।

बैठक में मुख्य विकास अधिकारी दिवेश शाशनी, प्रभागीय वनाधिकारी सिविल सोयम प्रदीप कुमार, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी विनीत पाल, अधिशाषी अभियंता सिंचाई खंड अल्मोड़ा मोहन सिंह रावत समेत अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

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