इतिहासकार डॉ. यशवंत सिंह कठोच को साहित्य एवं शिक्षा के लिए मिला पद्मश्री पुरस्कार

एकेश्वर 26 जनवरी। प्रदेश के लिए एक और बड़ी खबर है और वो हैं प्रदेश के एक और लाडले इतिहासकार डॉ. यशवंत सिंह कठोच को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। PIB द्वारा जारी की गई लिस्ट में उनका नाम 60 वे नंबर पर है https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1999790 डॉ. यशवंत सिंह मूल रूप से पौड़ी जिले के एकेश्वर विकासखंड स्थित मांसों गांव के मूल निवासी हैं। डा यशवंत का जन्म 27 दिसंबर 1935 में हुआ। डॉ. यशवंत सिंह के शिक्षा आगरा विश्वविद्यालय से 1974 में हुई जहाँ उन्होंने प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति तथा पुरातत्व विषय में प्रथम स्थान प्राप्त किया।

उन्होंने 1978 में हेमवती नंदन बहुगुणा विश्वविद्यालय से डीफिल की उपाधि ली । एक शिक्षक के रूप में उन्होंने 1995 तक मासों गांव में राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में प्राचार्य रहे और सेवानिवृत्त होने के बाद पौड़ी जिला मुख्यालय के पास आकर बस गए। पद्मश्री दिए जाने पर प्रदेश व देश के इतिहासकारों, साहित्यकारों, शिक्षकों, लेखकों, लोक कलाकारों व संस्कृति कर्मियों ने खुशी जाहिर करते हुए उन्हें शुभकामनाएं दी हैं।

डॉ. यशवंत सिंह उत्तराखंड शोध संस्थान के संस्थापक सदस्य भी हैं।उनकी मध्य हिमालय का पुरातत्व, उत्तराखंड की सैन्य परंपरा, संस्कृति के पद-चिन्ह, मध्य हिमालय की कला: एक वास्तु शास्त्रीय अध्ययन, सिंह-भारती सहित 12 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। जबकि इतिहास तथा संस्कृति पर निबंध और मध्य हिमालय के पुराभिलेख पुस्तकें जल्द प्रकाशित होंगी। बताया जा रहा है कि उन्हें पद्मश्री सम्मान दिए जाने के जानकारी उनके मित्रजनों और परिजनों से मिली तो वह एक पल को हैरान हुए।उन्होंने कहा कि ये कैसे हो गया, चलो जो हुआ अच्छा हुआ सरकार ने मुझ जैसे सामान्य व्यक्ति को ये सम्मान दिया।

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